गोपालगंज
बिहार के गोपालगंज (Gopalganj) में डेंगू (Dengue) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां मीरगंज में अबतक जहा 300 से ज्यादा नए डेंगू मरीजों की पहचान हुई थी वहीं अब डेंगू गोपालगंज के शहरी क्षेत्र में भी तेजी से अपना पांव पसार रहा है. जिले में गैर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक डेंगू से करीब 9 लोगों की मौत (Death) हो गई है, जबकि अकेले गोपालगंज के वार्ड नम्बर 13 में डेंगू के करीब तीन दर्जन नए मामले सामने आये हैं. स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि डेंगू से बचाव के लिए पर्याप्त उपाय किये जा रहे है. इस बीमारी से लोगों के सेहत के साथ साथ उनकी जेबें भी ढीली हो रही है. शहर के सरेया वार्ड नम्बर 13 के मोहल्ले में करीब 33 नए डेंगू के मरीज मिले है. इनमे से आधा दर्जन लोगों का प्लेटलेट्स खतरनाक लेबल पर आया गया है. जिन्हें गोरखपुर (Gorakhpur) के अलग-अलग निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया है.
वार्ड 13 के डेंगू पीड़ित दीनानाथ प्रसाद के मुताबिक वे भी डेंगू से कई दिनों से पीड़ित है. उनका प्लेटलेट्स 49 हजार से पहुच गया था. लेकिन अब पहले से राहत है. दीनानाथ प्रसाद के मुताग्बिक नगर परिषद् के द्वारा अबतक कोई छिडकाव नहीं किया गया. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा भी उनकी कोई जाँच नहीं की गयी. उनकी तरह इस मोहल्ले में करीब 25 से 30 लोग डेंगू से पीड़ित है. लेकिन किसी को भी स्वास्थ्य विभाग से कोई मेडिकल सहायता नहीं मिली है.
30 वर्षीय आशीष कुमार भी वार्ड 13 में रहते है. वे कई दिनों से बुखार से पीड़ित थे. जांच में पता चला कि वो भी डेंगू से पीड़ित हैं. आशीष के घर के तीन और सदस्य डेंगू से पीड़ित है. घर का बजट गड़बड़ हो गया है. जमा पूंजी डेंगू के इलाज में लोगो के खर्च हो जा रहे है. जबकि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सदर अस्पताल में डेंगू वार्ड भी बनाया गया है. लेकिन वह कारगर नहीं है.
सीएस डॉ नंदकिशोर प्रसाद के मुताबिक उचकागांव और मीरगंज प्रखंड के अलावा गोपालगंज शहरी क्षेत्र में डेंगू का प्रकोप बढ़ा है. उससे बचाव के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है. जो भी मरीज इलाज के आ रहे है उनकी जांच की जा रही है. कुछ मरीजो का एलिसा टेस्ट के लिए बाहर रेफर किया जा रहा है. सीएस ने कहा कि सभी प्रभावित इलाको में पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है. लोगों को सचेत रहने की सलाह दी जा रही है.