छत्तीसगढ़

एनएमडीसी की खनन लीज बढ़ाएगी सरकार

रायपुर
छत्तीसगढ़ सरकार राष्ट्रीय खनिज विकास निगम की खनन लीज बढ़ाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एनएमडीसी के अध्यक्ष सह प्रबं निदेशक एन. बैजेंद्र कुमार को यह आश्वासन दिया है। एनएमडीसी की बस्तर संभाग में स्थित तीन खजिन भंडारों की लीज 30 मार्च 2020 को समाप्त हो रही है। राज्य सरकार का यह आश्वासन एनएमडीसी के लिए बड़ी राहत है, क्योंकि करीब एक वर्ष पहले कर्नाटक सरकार ने दोनीमलाई लौह अयस्क खदान की लीज बढ़ाने भारी भरकम प्रीमियम की मांग कर दी थी। इसके बाद एनएमडीसी को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। मुख्यमंत्री निवास पर सीएम बघेल और एमडी कुमार के बीच हुई बैठक में एनएमडीसी और सीएमडीसी महासमुंद जिले के सरायपाली तहसील के हीरा धारित क्षेत्र में पूर्वेक्षण करने पर सहमति बनी। चर्चा के दौरान यह भी तय हुआ की छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल नगरनार इस्पात संयंत्र परियोजना में लगभग 1200 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली हाउसिंग परियोजना का निर्माण करेगा।

इसी प्रकार छत्तीसगढ़ सरकार को एनएमडीसी द्वारा माइनिंग कार्यों से संबंधित जो राशि दी जानी है, उसके संबंध में भी सहमती बनी है। एनएमडीसी ने छह सौ करोड़ रुपए की बकाया राशि का भुगतान शीघ्र राज्य सरकार को करेगा। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा शुरू की गई सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्न कंपनी एनएमडीसी को पूरा सहयोग राज्य सरकार देगी। इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर, खनिज संसाधन विभाग के विशेष सचिव पी. अन्बलगन और एनएमडीसी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

तीन खदानों से होता है 20 मिलियन टन उत्पादन

दंतेवाड़ा जिले में एनएमडीसी की सबसे पुरानी और आुनिक तकनीकी से खोदाई आारित आधा दर्जन लौह अयस्क की खदानें संचालित हैं। यहां पिछले पचास सालों से एनएमडीसी लौह अयस्क का खनन कर रहा है। बचेली में पांच, दस और 11 ए तथा किरंदुल में 11 बी, 11 सी और 14 नंबर की खदान है। इनमें से तीन खदानों की तीस साल की माइनिंग लीज मार्च 2020 में खत्म हो रही है। इन तीनों की सकल उत्पादन क्षमता वर्तमान में बीस मिलियन टन सलाना है।

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