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ब्रिक्स सम्मेलन से वापस लौटे पीएम नरेंद्र मोदी, ऐसे जमाई भारत की धाक

 
नई दिल्ली 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील की राजधानी ब्रासिलिया में आयोजित BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) सम्मेलन में शिरकत करने के बाद स्वदेश लौट आए हैं. पीएम मोदी ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान ब्रिक्स में भी भारत की धाक जमाई.

ग्लोबल बिजनेस फोरम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक मंदी का जिक्र किया, तो वहीं दुनिया में ब्रिक्स देशों के महत्व की भी चर्चा की. आतंकवाद का जिक्र करने के साथ ही पीएम मोदी ने आपसी संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया तो व्यापार के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों को चिन्हित करने का सुझाव देकर लंबे समय के लिए व्यावसायिक भागीदारी की तरफ इशारा भी कर दिया.

प्रधानमंत्री ने भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे ओपन अर्थव्यवस्था बताने के साथ बिजनेस फ्रेंडली एनवायरनमेंट का जिक्र करते हुए निवेशकों को भारत में निवेश का निमंत्रण भी दे दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण और सफल माना जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन के इतर भी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की और संबंधों की पुरातनता के साथ ही महत्व की चर्चा कर द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम देने की प्रतिबद्धता दोहराई.

पीएम मोदी ने अमेरिकी प्रायद्वीप के महत्वपूर्ण देश ब्राजील के राष्ट्रपति को जहां भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आने का निमंत्रण दिया. वहीं भारत के पुराने मित्र रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी पीएम मोदी को अपने देश आने का न्योता दिया.

पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति के साथ वार्ता में दोनों देशों के पुराने संबंधों का जिक्र किया. दोनों ही देशों ने स्पेशल और प्रिविलेज स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की और इसे आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की. इससे भारत और रूस के संबंधों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

चीन के साथ सीमा विवाद के समाधान को वार्ता उपलब्धि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देश चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक में अपनी दोस्ती का जिक्र करते हुए व्यापार से जुड़े पहलुओं पर चर्चा की. दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच हुई वार्ता का लब्बोलुआब यह रहा कि सीमा पर शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए दोनों देशों ने वर्षों पुराने सीमा विवाद के समाधान की दिशा में पहल करते हुए विशेष प्रतिनिधियों के बीच अगले दौर की वार्ता का ऐलान कर दिया.

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