नई दिल्ली
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह अपने बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में छाए रहते हैं. उनके बयान अक्सर कांग्रेस पार्टी के लिए हानिकारक साबित हो जाते हैं. कई बार पार्टी को भी उनके विवादित बयानों के चलते किनारा करना पड़ता है. इस साल दिग्विजय सिंह ने करीब 7 बार ऐसे बयान दिए हैं, जिससे पार्टी को मुंह छुपाना पड़ा है. आइए जानते हैं इस साल कब-कब दिग्विजय सिंह ने विवादित बयान दिए.
गैर-मुसलमान आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे हैं
दिग्विजय सिंह ने रविवार को बीजेपी और बजरंग दल पर विवादित बयान दिया था. दिग्विजय सिंह ने कहा था कि मुसलमानों से ज्यादा गैर-मुसलमान आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे हैं. इसके साथ उन्होंने बीजेपी और बजरंग दल पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से पैसा लेने का भी आरोप लगाया था.
दिग्विजय सिंह के इस बयान की बीजेपी ने आलोचना की थी. बता दें कि 2017 में एटीएस ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाने वाले आईएसआई के 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों की गिरफ्तारी चार जिलों से की गई थी. इसमें बीजेपी आईटी सेल का ध्रुव सक्सेना भी शामिल था.
सिद्धू का समझाना पड़ गया था पार्टी को भारी
14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले को लेकर दिग्विजय सिंह ने बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर कोई दूसरा देश होता तो प्रधानमंत्री न सही, गृह मंत्री को तो इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया जाता लेकिन यहां पर जो कोई भी इन मसलों पर सवाल उठाता है उसे देशद्रोही घोषित कर दिया जाता है.
इस आतंकी हमले के बाद नवजोत सिंह सिद्धू भी टारगेट पर आ गए थे. इस दौरान दिग्विजय सिंह ने सिद्धू को नसीहत दी थी. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर रहा था 'सिद्धू अपने दोस्त इमरान भाई को समझाइए, उसकी वजह से ही आपको गाली पड़ रही है.' ये बयान भी पार्टी के लिए आफत बन गया था क्योंकि कांग्रेस सिद्धू के बचाव में थी.
अनुच्छेद-370 पर दिया बयान सुर्खियों में रहा
अनुच्छेद 370 को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया का संदर्भ लें और देखें कि कश्मीर में क्या हो रहा है. मोदी सरकार ने आग में हाथ डाला है. कश्मीर को बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है. मैं मोदी जी, अमित शाह जी और अजीत डोभाल जी से सावधान रहने की अपील करता हूं, वरना हम कश्मीर खो देंगे.
आरएसएस को लेकर दिया था विवाविद बयान
जुलाई में आरएसएस के खिलाफ हमला जारी रखते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश में आतंक फैलाने में सक्रिय है और मुंबई में हुए ताजा आतंकवादी हमले की जांच के दायरे में सभी आतंकवादी संगठनों के साथ हिन्दू संगठनों को भी लाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'मैं पहले से कहता आ रहा हूं कि देश में आरएसएस आतंक फैलाने के काम में सक्रिय है और उसके पास बम बनाने के कारखाने हैं.'
संघी आतंकवाद कहकर खड़ी की थी मुसीबत
लोकसभा चुनाव के दौरान दिग्विजय ने कहा था, ‘मैंने सिर्फ संघी आतंकवाद कहा है, जो आज भी कहता हूं, कोई मुझे क्लिप दिखा दे क्योंकि हिंदू आतंकवाद कभी नहीं कहा. जो लोग पकड़े गए और अब छूट रहे हैं क्योंकि प्रॉसिक्यूशन और डिफेंस एक साथ हैं.’ दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि चुनाव जीतने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ भी कर सकते हैं.
संघ को पसंद नहीं तो वो 'शैतान' हैं
अप्रैल में मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे पर बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के विवादित बयान पर कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने कहा था कि जो संघ की मर्जी के खिलाफ बोले वो देशद्रोही है. भारत के शहीद भी अगर संघ को पसंद नहीं तो वो 'शैतान' हैं. हमने संघ की नहीं, संविधान की शपथ ली है. हम भारत माता के भक्त हैं.
हिन्दुत्व शब्द मेरी डिक्शनरी में है ही नहीं
अप्रैल में भोपाल संसदीय क्षेत्र से दिग्विजय सिंह ने बतौर कांग्रेस प्रत्याशी पर्चा भरा था. इस दौरान पत्रकारों ने जब उनसे हिन्दुत्व और हिन्दू आतंकवाद पर सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व शब्द उनकी डिक्शनरी में है ही नहीं. दिग्विजय ने कहा, 'आप लोग हिन्दुत्व शब्द का उपयोग क्यों करते हैं? हिन्दुत्व शब्द मेरी डिक्शनरी में है ही नहीं.'