नई दिल्ली
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के लिए अभी भी सियासी खींचतान जारी है। एक तरफ राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया है दूसरी ओर बाकी पार्टियों की नजर बीजेपी की रणनीति पर है। क्योंकि अकेले सरकार बनाने के लिए बीजेपी के पास बहुमत नहीं है। इसी बीच रविवार को शिवसेना ने कहा कि बीजेपी अगर सरकार बनाने तो तैयार नहीं तो शिवसेना ये जिम्मा ले सकती है।
दूसरी ओर एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन भी सरकार बनाने का दावा कर रहा है। कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट करके कहा है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को एनसीपी-कांग्रेस को आमंत्रित करना चाहिए क्योंकि वह दूसरा सबसे बड़ा गठबंधन है। उन्होंने कहा कि बीजेपी-शिवसेना ने अब सरकार से इनकार कर दिया है।
उधर, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, अगर भाजपा-शिवसेना सरकार बनाती है, तो हम विपक्ष में बैठेंगे। अगर वे सरकार नहीं बनाते हैं तो कांग्रेस-एनसीपी एक वैकल्पिक सरकार बनाने की कोशिश करेंगी। हमने राज्य में राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए 12 नवंबर को अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार शाम राज्य में सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने के लिये अपनी इच्छा और क्षमता से अवगत कराने को कहा।
संजय राउत ने एक बार फिर कहा है कि बीजेपी अगर कोई सरकार बनाने को तैयार नहीं है तो शिवसेना ये जिम्मा ले सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य की दुश्मन नहीं है। सभी दलों में कुछ मुद्दों पर मतभेद हैं। शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्विट करके कहा है कि जो खानदानी रईस हैं वो मिजाज रखते हैं नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई-नई है।
राजस्थान भेजे गए कांग्रेस के 34 विधायक
महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल नौ नवंबर को समाप्त हो गया है और भाजपा-शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर गतिरोध जारी है। इसी बीच खरीद-फरोख्त की आशंका के मद्देनजर महाराष्ट्र कांग्रेस के 34 विधायकों को पार्टी शासित राजस्थान भेज दिया गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- हमें कांग्रेस विधायकों को राजस्थान लाना पड़ा है, क्योंकि वहां बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त का खतरा था।