जालसाज कैसे देते हैं UPI फ्रॉड को अंजाम और बचने का तरीका

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) की भारत में लगातार पॉप्युलैरिटी बढ़ रही है। UPI से आप डिजिटल रूप से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। UPI पेमेंट मेथड अन्य पेमेंट के तरीकों जैसे NEFT, IMPS और मोबाइल वॉलेट्स की तुलना में ज्यादा नया है और बाते कुछ समय में तेजी से पॉप्युलर हुआ है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबित अक्टूबर में यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या 1 अरब के पार हो गई। इतना ही नहीं हाल ही में देश में UPI यूजर्स की संख्या 100 मिलियन यानी 10 करोड़ से ज्यादा हो गई।

पॉप्युलैरिटी के साथ बढ़ी धोखाधड़ी
ऑनलाइन ट्रांजैक्शन भारत में काफी पॉप्युलर हो गए हैं। छोटे सामान से लेकर बड़े और महंगे सामानों का पेमेंट ऑनलाइन किया जाता है। धोखाधड़ी से ग्राहकों को बचाने के लिए आधुनिक सुरक्षा तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इसके बावजूद अक्सर फ्रॉड के मामले सामने आते हैं। अपनी जमापूंजी को सुरक्षित रहने के लिए आपको जागरूक होना जरूरी है। यहां हम आपको बताएंगे कि जालसाज कैसे आपके साथ धोखा कर सकते हैं।

ऐसे धोखा देते हैं जालसाज
बैंक अब अपने ग्राहकों को लगातार मेसेज और ईमेल भेजता रहता है जिससे ग्राहक फ्रॉड का शिकार न हों। उदाहरण के तौर पर ICICI बैंक ने हाल ही में अपने ग्राहकों एक ई-मेल भेजा था जिसमें बताया गया था कि कैसे जालसाज लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। मेल में बैंक ने बताया कि जालसाज लोगों को फोन करके उनके डेबिट कार्ड की डीटेल्स मांगते हैं या फिर टेक्स्ट मेसेज उन्हें फॉरवर्ड करने को कहते हैं। जालसाज ग्राहकों से OTP यानी वन टाइम पासवर्ड भी मांगते हैं।

वर्चुअल पेमेंट अड्रैस के जरिए फर्जी ट्रांजैक्शन
अगर ग्राहक जालसाजों को अपनी डीटेल्स दे देता है तो इसके बाद जालसाज वर्चुअल पेमेंट अड्रैस (VPA) आईडी क्रिएट करके मोबाइल पर्सनल बैंकिग आइडेंटिफिकेशन नंबर (MPIN) सेट करके आपके अकाउंट से ट्रांजैक्शन करते हैं।

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