भोपाल
देश की राजधानी दिल्ली को प्रदूषण लगातार अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है. अब प्रदूषण का कुछ ऐसा ही खौफ देश के दिल मध्य प्रदेश की तरफ भी बढ रहा है. दिल्ली के बाद अब मध्यप्रदेश में भी बढ़ता प्रदूषण डराने लगा है हालांकि एमपी सरकार ने इसे लेकर सख्ती शुरू कर दी है. सरकार पौधारोपण पर जोर दे रही है. साथ ही इसे लेकर सरकार ने एक मास्टर प्लान भी तैयार किया है. सरकार का मानना है कि इस योजना से प्रदूषण तो रुकेगा ही साथ ही करीब 50 लाख किसानों को इसका आर्थिक लाभ भी मिलेगा.
ये है सरकार की योजना
एमपी में बढ़ता प्रदूषण खतरे की घंटी है और इस बात को प्रदेश की कमलनाथ सरकार भलीभांति समझ रही है. कमलनाथ सरकार इन दिनों पौधारोपण पर ज़ोर दे रही है. वैसे प्रदूषण बढ़ने के कारणों में किसानों का पराली जलाना भी है इसलिए सीएम कमलनाथ ने किसानों से पराली न जलाने की अपील भी की है. साथ ही सरकार ने किसानों और पर्यावरण के हित के लिए 'किसान लक्ष्मी योजना' में बदलाव का प्रस्ताव भी तैयार किया है. इस प्लान के तहत खेतों में फलदार पौधे लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने पौधों पर दिए जाने वाला अनुदान सरकार बढ़ाने जा रही है.
योजना की खास बातें
>> 10 रूपये की जगह 35 रूपये प्रति पौधा देगी सरकार
>> 65 फीसदी पौधों के जीवित होने की अनिवर्यता होगी खत्म
>> 3 साल बाद पौधों के जीवित रहने की शर्त भी होगी समाप्त
बीजेपी का आरोप, कांग्रेस का दावा
बीजेपी का आरोप है की सरकार प्लानिंग तो बहुत करती है पर हकीकत इसके उलट ही होती है. वहीं सरकार का मानना है कि ज्यादा पौधों से न केवल पर्यावरण सुधरेगा बल्कि योजना को सरल करने से लघु और मध्यम किसान भी इस योजना से जुड़ेंगे. सरकार को उम्मीद है कि इस बदलाव से करीब 50 लाख किसानों इस योजना से जुड़ सकते हैं. योजना के बदलाव को कांग्रेस सराहनीय पहल मान कर चल रही है. सरकार का कहना है कि योजना के बदलाव से प्रदूषण के बढ़ते स्तर के साथ ही किसानों को भी राहत ज़रूर मिलेगी साथ ही फलदार पौधे लगाने पर किसानों को ओला-पाला से होने वाले नुकसान का खतरा भी टल जाएगा.