मुंबई
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा नीत केन्द्र सरकार अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के बहुप्रतीक्षित फैसले का 'श्रेय नहीं ले सकती। ठाकरे ने संवाददताओं से कहा, ''हमने सरकार से (अयोध्या में भव्य) राम मंदिर के निर्माण पर एक कानून बनाने का अनुरोध किया था लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। लेकिन अब उच्चतम न्यायालय फैसला सुनाने जा रहा है तो सरकार इसका श्रेय नहीं ले सकती (अगर फैसला मंदिर के पक्ष में आया तो भी)।"
रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद मामले में फैसला आज
राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में शनिवार सुबह उच्चतम न्यायालय का फैसला आने से पहले देश भर में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विभिन्न धर्म गुरुओं ने लोगों से शांति बनाए रखने तथा न्यायालय के फैसले का सम्मान करने की अपील की है। दिल्ली में फैसला सुनाने वाली संविधान पीठ के पांचों न्यायाधीशों के आवास के बाहर शुक्रवार (8 नवंबर) से सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस संवेदनशील मामले में फैसला शनिवार (9 नवंबर) सुबह साढ़े दस बजे सुनाया जाएगा।
अधिकारियों ने कहा है कि फर्जी या भड़काऊ सामग्री से माहौल को बिगाड़ने की कोशिशों को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर किये जाने वाले पोस्ट पर भी नजर रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने शुक्रवार (8 नवंबर) सुबह उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी और पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह के साथ एक घंटे बैठक की। अधिकारियों ने उन्हें राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था के बारे में अवगत कराया।
दरअसल, उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर एक नोटिस के माध्यम से शुक्रवार (8 नवंबर) शाम जानकारी दी गई कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ शनिवार सुबह साढ़े दस बजे इस मामले में फैसला सुनायेगी। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने नौ नवंबर से 11 नवंबर तक प्रदेश के सभी स्कूल कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने की घोषणा की।
पीएम मोदी ने की शांति बनाए रखने की अपील
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवंबर की देर शाम कहा कि अयोध्या पर उच्चतम न्यायालय का जो भी फैसला आएगा, वह किसी की हार-जीत नहीं होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार रात सिलसिलेवार ट्वीट कर यह अपील की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, "देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं। कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है।"
अयोध्या छावनी में तब्दील
रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले से पहले अयोध्या छावनी में तब्ब्दील हो गयी है। जमीन से आसमान तक पुलिस निगरानी की व्यवस्था की गयी है। शहर के हर चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। आसमान से ड्रोन कैमरे चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए हैं। अयोध्या की सुरक्षा के प्रभारी एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय ने 'भाषा' को फोन पर विशेष बातचीत में बताया, ''अयोध्या में सुरक्षा के लिये 60 कंपनी पीएसी और अर्धसैनिक बल तैनात किए गये हैं। इसमें 15 कंपनी पीएसी, 15 कंपनी सीआरपीएफ और 10 कंपनी आरएएफ हाल में अयोध्या आयी है जबकि 20 कंपनी पीएसी पहले से ही यहां तैनात थी। इसके अलावा दूसरे जनपदों से आये सुरक्षाकर्मियों में 1500 सिपाही, 250 सब इंस्पेक्टर, 150 इंस्पेक्टर, 20 डिप्टी एसपी, 11 एडिशनल एसपी तथा दो एसपी तैनात किये गये हैं। इसके अलावा अयोध्या के विभिन्न थानों में तैनात सुरक्षा बल तो पहले से ही यहां पर है।"