भोपाल
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में सबसे ज्यादा 21 हजार 371 रजिस्ट्रेशन उच्च शिक्षा विभाग के कालेजों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के हुए हैं। जबकि सबसे कम पशु चिकित्सा और आयुष विभाग के कालेजों में दो-दो विद्यार्थियों प्रवेश लेकर कराए हैं। योजना का नोडल विभाग तकनीकी शिक्षा विभाग है। विभाग ने शासन से योजना का संचालन करने के लिए ढाई सौ करोड़ रुपए की मांग की थी, जिसमें उन्हें 122 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है। इससे विभाग को कालेजों की फीस देने में परेशानी आ सकती है।
वही अजजा वर्ग के छात्रावास और आश्रम के विद्यार्थियों की शिष्य-वृत्ति बढ़ी
आदिम-जाति कल्याण विभाग ने अनुसूचित-जनजाति के छात्रावास और आश्रम में रहने वाले छात्र-छात्राओं की शिष्य-वृत्ति दरों में वृद्धि की है। वृद्धि की दर एक जुलाई, 2019 से लागू होगी। छात्रों के लिये शिष्य-वृत्ति की दर अब 1230 रुपये और छात्राओं के लिये यह दर 1270 रुपये प्रतिमाह होगी। राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित-जनजाति के छात्रावास और आश्रम में रहने वाले छात्र-छात्राओं की शिष्य-वृत्ति की दर हर साल मार्च माह के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर निर्धारित कर जुलाई माह से प्रभावशील किया जाये। विभाग द्वारा इसके आदेश जारी कर दिये गये हैं।
प्रदेश के गरीब होनहार विद्यार्थियों की फीस जमा करने के लिए मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना बनाई है। योजना के बजट में शासन ने कैंची चला दी है। विभाग ने तीन साल के विद्यार्थियों का हिसाब लगाकर शासन से सवा दो सौ करोड़ रुपए का बजट मांगा था, लेकिन शासन ने विभाग को 122 करोड़ की स्वीकृति ही प्रदान की है। सौ करोड़ की कटौती होने से विभाग पशोपेश में पड़ गया है। विभाग 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के प्रवेशित विद्यार्थियों की फीस कालेजों तक भेजना है। वर्तमान 2019-20 अभी तक करीब 23 हजार विद्यार्थियों के पंजीयन हो चुके हैं, जिसकी संख्या अभी और बढ़ेगी। शासन ने बजट में सौ करोड़ का इजाफा नहीं किया, तो इसकी पूर्ति के लिए डीटीई को कुछ कदम भी उठाने पड़ेंगे। इससे कई विद्यार्थियों की फीस पर संकट आएगा। शासन द्वारा भुगतान नहीं करने पर विद्यार्थियों को अपनी फीस स्वयं जमा करना पड़ सकती है।
योजना में सबसे ज्यादा 21 हजार 371 पंजीयन उच्च शिक्षा विभाग में प्रवेशित विद्यार्थियों के हुए हैं। उनकी फीस सवा 13 लाख रुपए स्वीकृत हुए हैं। नेशनल स्तर के संस्थानों में 374 की एक करोड़ 11 लाख हजार फीस भरी गई है। जबकि प्राइवेट यूनिवर्सिटी में 11 लाख रुपए की फीस विभाग भर चुका है। इसके बाद डीटीई के कालेजों में 681 विद्यार्थी की फीस , डीएमई के कालेजों में 111 विद्यार्थी और पहली बार विवि के विभागों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के 182 पंजीयन दर्ज किए गए हैं।
विभाग ने गत वर्ष करीब छह हजार विद्यार्थियों के पंजीयन कराने पर करीब सवा सौ करोड़ रुपए फीस के तौर पर फीस कालेज और विवि को दिए थे। दो साल और वर्तमान सत्र के अनुसान से विभाग ने शासन से करीब सवा दो सौ करोड़ मांगे थे, जिसमें से उन्हें 122 करोड़ रुपए दिए गए हैं।