मुंबई
संपत्ति गुणवत्ता और मार्जिन में सुधार से एलआईसी के स्वामित्व वाले आईडीबीआई बैंक का घाटा सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही में कम होकर 3,459 करोड़ रुपए रह गया। बैंक द्वारा दी गई सूचना में यह जानकारी सामने आई है। बैंक का घाटा इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 3,602 करोड़ रुपए था। बैंक पिछले एक साल तक रिजर्व बैंक की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई के अधीन रहा है।
बैंक प्रबंधन ने कहा है कि उसका घाटा फंसे कर्ज के एवज में 3,425 करोड़ रुपए का ज्यादा प्रावधान किए जाने के बावजूद कम हुआ है। इस राशि से फंसे कर्ज के समक्ष बैंक की प्रावधान राशि कवरेज एक साल पहले के 68.72 प्रतिशत से बढ़कर 91.25 प्रतिशत पर पहुंच गई।
बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश शर्मा ने बताया कि आलोच्य तिमाही में बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) उसके सकल ऋण का 29.43 प्रतिशत रही जो कि एक साल पहले के 31.78 प्रतिशत के मुकाबले कम हुई है। इस दौरान बैंक का शुद्ध एनपीए एक साल पहले के 17.30 प्रतिशत से घटकर 5.97 प्रतिशत रह गया।