उरई
कोंच कोतवाली में लगभग 16 वर्ष पूर्व हुए नरसंहार मामले में गुरुवार को कोर्ट ने कानपुर के एक सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया। फैसले के तुरंत बाद सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया। इनमें सीओ कर्नलगंज भगवान सिंह भी हैं जो उस समय कोंच कोतवाली में दरोगा थे। अदालत शुक्रवार को सभी आरोपियों के खिलाफ सजा का एलान कर सकती है।
कोंच में एक फरवरी 2004 को इस लोमहर्षक घटना की गूंज लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में गूंजी थी। घटना के दौरान कोंच कोतवाली में गिरफ्तार किए गए व्यापारी की पैरवी में पहुंचे सपा नेता महेंद्र सिंह पर कोतवाल डीडी सिंह राठौर के नेतृत्व में पुलिस ने अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं। इस गोलीकांड में महेंद्र सिंह,उनके भाई सुरेंद्र सिंह और दयाशंकर झा की मौत हो गई थी। घटना के बाद कोंच में दंगा भड़क गया था। गुस्साए लोगों ने तहसील थाने पर पथराव के बाद आग लगा दी थी। पुलिस-प्रशासन को हालात संभालने के लिए कई दिनों तक कर्फ्यू लगाना पड़ा था। शासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक आरके त्रिपाठी को निलंबित कर दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान जेल में ही डीडी सिंह राठौर और उसके बेटे की मौत हो गई है।
गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम अमित प्रताप सिंह ने जब फैसला सुनाया तो कोर्ट रूम में सन्नाटा पसर गया। उन्होंने कोंच कोतवाली में पदस्थ उप निरीक्षक भगवान सिंह (अब सीओ) और सेवानिवृत थानाध्यक्ष लालमनि गौतम, राहुल तिवारी, राकेश बाबू, सतवीर, अखिलेश कुमार, रामनरेश सहित 8 पुलिसकर्मियों को गोलीकांड का दोष माना। अदालत के फैसले के बाद सभी आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।