नई दिल्ली
सरकार ने जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय लिस्ट में बदलाव करने का फैसला किया है। हेल्थ वर्कर्स लंबे अरसे से इसकी मांग कर रहे थे। सूत्रों का कहना है कि नई लिस्ट में कैंसर, डायबीटीज और दिल के रोगों की नई दवाओं को शामिल किया जा सकता है। इसका फायदा यह होगा कि ये दवाएं सरकारी अस्पतालों में फ्री में मिल सकेंगी और इनके दामों पर ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर के तहत लगाम लगाई जा सकेगी।
सरकार ने इस तरह की लिस्ट इससे पहले 2011 और 2015 में तैयार की थी। 2015 में इसमें 376 दवाओं को शामिल किया गया था। बाद में इसमें शुगर और कैंसर की कुछ दवाओं के साथ दिल की धमनियों में लगने वाले स्टेंट्स और नी इंप्लांट्स को भी शामिल किया गया था।
सूत्र यह भी कहते हैं कि मौजूदा लिस्ट में शामिल पांच रुपये प्रति डोज तक की दवाओं को इसमें से हटाया जा सकता है। ये दवाएं लिस्ट से हटने के बावजूद ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर के दायरे में रहेंगी।