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भीमा कोरेगांव हिंसा: 6 आरोपियों की बेल रिजेक्‍ट

पुणे
भीमा कोरेगांव हिंसा केस में पुणे की सेशन कोर्ट ने 6 आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। पूर्व में इस केस के तीन आरोपियों की अर्जी बॉम्बे हाई कोर्ट से खारिज हो गई थी। इसके बाद बुधवार को 6 अन्य आरोपियों की अर्जी को पुणे सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया।

जानकारी के अनुसार, पुणे सेशन कोर्ट में आरोपियों शोमा सेन, सुरेंद्र गाडलिंग, रोना विल्सन, सुधीर धवले, वरवरा राव और महेश राउत ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी। इन सभी की अर्जियों को कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके अलावा तीन अन्य आरोपियों सुधा भारद्वाज, वर्नन गोन्साल्वेज और अरुण फरेरा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने इन तीन की अर्जियों पर भी दलीलों को सुनने के बाद जमानत देने से इनकार कर दिया।

फरवरी 2019 में दायर हुई थी चार्जशीट
फरवरी 2019 में पुणे पुलिस ने चार सामाजिक कार्यकर्ताओं- सुधा भारद्वाज, वरवरा राव, अरुण फरेरा और वर्नन गोन्साल्वेज और प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) समेत कुछ अन्य लोगों के खिलाफ 1,837 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर महाराष्ट्र पुलिस ने पांचों को 28 अगस्त को गिरफ्तार किया था। इनपर अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट की धाराएं लगाई गई थीं।

पुणे से 40 किमी दूर हूई थी हिंसा
बता दें कि बीते साल 1 जनवरी 2018 को पुणे के पास भीमा कोरेगांव हिंसा की 200वीं बरसी पर हुए श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान भारी हिंसा हुई थी। 1 जनवरी को पुणे से 40 किलोमीटर दूर कोरेगांव-भीमा गांव में दलित समुदाय के लोगों का एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था, जिसका कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध किया था। इसी कार्यक्रम के दौरान इस इलाके में हिंसा भड़की थी, जिसके बाद भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी और दुकानों-मकानों में तोड़फोड़ की थी। इस हिंसा में एक शख्स की जान चली गई और कई लोग जख्मी हो गए थे।

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