लखनऊ
प्रदूषण रोकने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर सरकार ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। प्रदेशभर में रेलवे समेत कई निर्माण इकाइयों और पराली जलाने वाले किसानों पर भारी जुर्माना ठोका गया है।
लखनऊ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रोक के बावजूद मानक के विपरीत निर्माण कार्य जारी रखने पर पूर्वोत्तर रेलवे व आवास विकास की दो परियोजनाओं पर पर्यावरणीय जुर्माना लगाया है। इसके अलावा तालकटोरा में भी औद्योगिक इकाई पर जुर्माने की कार्रवाई की गई है। पूर्वोत्तर रेलवे के गोमतीनगर रेलवे स्टेशन पर 2,98,437 रुपये का जुर्माना लगाया है।
आवास विकास की परियोजनाओं पर भी जुर्माना
वृंदावन स्थित आवास विकास की दो परियोजनाओं पर भी जुर्माने की कार्रवाई की है। इसमें सेक्टर चार में स्काईबैग इन्फोटक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बिना ढके निर्माण कार्य किया जा रहा है। सेक्टर 12 में अरावली इंक्लेव परियोजना का काम भी मानकों को दरकिनार करके किया जा रहा है। चेतावनी के बाद भी निर्माण कार्य व सामग्री को नहीं ढका गया। बोर्ड ने स्काईबैग इन्फोटेक पर दो लाख 34 हजार 375 रुपए व आरावली इंक्लेव परियोजना पर तीप लाख 51 हजार 562 रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा तालकटोरा में प्लाट संख्या एफ-4 पर बिना ढके निर्माण कार्य चलता पाया गया। इसके मालिक सचिन अग्रवाल पर बोर्ड ने 1,56,250 रुपए जुर्माने की कार्रवाई की है।
दूसरी ओर वाराणसी से सेतु निगम जापानी कंपनी फुजिता, पीडब्ल्यूडी और एआरसी विल्डर पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही हरदोई में पराली जलाने को लेकर पहली बार कड़ी कार्रवाई की गई। प्रशासन ने 17 किसानों पर 65 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सीएम के निर्देश के बाद शाहाबाद तहसील प्रशासन की टीम ने इलाके के कई गावों की पड़ताल के बाद यह कार्रवाई की और अन्य को हिदायत दी कि पराली जलाने वाले किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा।