भोपाल
भाजपा सोमवार को किसानों को लेकर आंदोलन करने वाली है, इससे एक दिन पहले ही कांग्रेस ने किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार और भाजपा नेताओं पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस ने अतिवृष्टि और बाढ़ के साथ ही विभिन्न मदों में प्रदेश सरकार का पैसा रोकने का आरोप लगाते हुए केंद्र का आघात बताते हुए भाजपा के सोमवार को होने वाले प्रदर्शन को किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला बताया है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ मदद के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिल चुके हैं। इसके बाद भी केंद्र सरकार ने एक पैसा नहीं दिया। भाजपा के 28 सांसदों ने भी किसानों की मदद के लिए केंद्र से बात नहीं की। जबकि बिहार और कर्नाटक को तुरंत राहत राशि दी है। मध्यप्रदेश के साथ राजनीतिक द्वैष की भावना से काम किया जा रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गोपाल भार्गव, कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह प्रदेश के किसानों और वंचित वर्ग के नागरिकों के खिलाफ अनुचित बयान देकर उनकी पीड़ा बढ़ा रहे हैं।
भाजपा सोमवार को प्रदेश के सभी जिलों में किसानों की कर्जमाफी नहीं किए जाने तथा भारी भरकम बिजली बिल के विरोध में सरकार का विरोध करने प्रदर्शन करेगी। इसके लिए प्रदेश संगठन के निर्देश पर आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किए गए पदाधिकारी जिलों में पहुंचने लगे हैं। कई जिलों में सरकार को विरोध का अहसास कराने के लिए एक से दो किमी लंबी रैली निकालने की भी तैयारी की गई है। किसान आक्रोश आंदोलन को सफल बनाने के लिए पार्टी द्वारा जिलों में आंदोलन की कमान वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई है।
कांग्रेस ने इन सभी पत्रकार वार्ताओं में कहा कि प्रदेश के अतिवर्षा से 39 जिले प्रभावित हुए हैं। सबसे ज्यादा किसानों को नुकसान हुआ है। 60.47 लाख हेक्टेयर की 16270 करोड रुपए की फसले बर्बाद हुई है। एक लाख 20 हजार घरों को क्षति पहुंची है। कांग्रेस ने कहा कि जब देश के किसी प्रांत में इतनी बड़ी आपदा आती है तब केंद्र सरकार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मदद करती है। इसके चलते ही प्रदेश सरकार ने केंद्र से 6621.28 करोड़ रुपए की मांग की है।