भोपाल
अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के पहले आरएसएस ने संघ पदाधिकारियों की बड़ी बैठक हरिद्वार में बुलाई है। यह बैठक 31 अक्टूबर से 4 नवम्बर तक चलेगी जिसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। बैठक में एमपी छत्तीसगढ़ से भी प्रांत प्रचारकों और अन्य पदाधिकारियों को बुलाया गया है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर बुलाई जा रही संघ की इस बैठक में सामाजिक सौहार्द्र को लेकर अपनाई जाने वाली रणनीति पर खासतौर पर चर्चा की जाएगी।
भुवनेश्वर में 16 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक हुई कार्यकारिणी मंडल की बैठक के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का ध्यान अब अगली रणनीति पर है। इसीलिए संघ के वैचारिक परामर्शदाताओं ने हरिद्वार में समाज में असर करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई है जो बुधवार से शुरू होगी। वैसे तो इस तरह की बैठक हर पांच सालों में होती है पर राम मंदिर का फैसला आने के ठीक पहले बुलाई गई बैठक को लेकर राजनीतिक विश्लेषक अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं। सतपाल महाराज के आश्रम में होने वाली बैठक में केंद्र सरकार के कामकाज की समीक्षा भी संघ करेगा।
सूत्रों का कहना है कि संघ प्रमुख भागवत जब इस बैठक में भैयाजी जोशी, दत्तात्रेय होसबोले और कृष्ण गोपाल समेत शीर्ष स्तर के कनिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे तो राम मंदिर ही चर्चा के लिए शीर्ष एजेंडा होगा। साथ ही कश्मीर में धारा 370 खत्म करने के बाद वहां के हालातों पर संघ की रणनीति पर भी विचार किया जाएगा। इस बैठक में संघ से जुड़े सभी प्रचारकों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। इसलिए माना जा रहा है कि राम मंदिर पर प्रस्ताव पारित किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
संघ की इस महत्वपूर्ण बैठक में भाजपा भी शामिल होगी। पार्टी संघ की सभी बड़ी बैठकों में शामिल रहेगी। इस तरह के निर्देश संघ की ओर से पार्टी को मिल चुके हैं। इसके पीछे तर्क है कि भाजपा को सम्मेलन की व्यापक भावनाओं के प्रति एक समझ विकसित करने के लिए बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया है। बैठक में आदिवासियों के कल्याण के लिए आरएसएस की ओर से किए जा रहे प्रयासों पर भी विचार होगा। साथ ही संघ के पांच साल के कामकाज का रोडमैप भी बैठक में तैयार होगा।
बैठक में प्रचारकों के लिए मीडिया से संवाद विषय पर एक सत्र आयोजित होने वाला है। बताया जाता है कि इस दौरान प्रचारक मीडिया के साथ कैसा संवाद रखें और अपनी बात मीडिया के जरिए लोगों तक कैसे पहुंचाएं, इसके बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्हें मीडिया से बात करने के तौर-तरीकों की जानकारी दी जाएगी।