भोपाल
मध्य प्रदेश में झाबुआ विधानसभा उप चुनाव के बाद अब एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष को लेकर बयान बाज़ी शुरू हो गई है। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का बयान सामने आया है। उन्होंंने झाबुआ से कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है। उन्होंंने कहा कि इससे पहले भी भूरिया पीसीसी चीफ का पद संभाल चुके हैं। हालांकि, उनका बयान सामने आने के बाद प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंंने कहा कि पीसीसी चीफ का फैसला लेना का काम पार्टी का है। वर्तमान में सीएम कमलनाथ ही प्रदेश अध्यक्ष हैं।
दरअसल, कांतिलाल भूरिया ने हाल ही में झाबुआ उप चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाई है। वहां वहां से विधायक चुके गए हैं। इस चुनाव के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष को लेकर एक बार फिर अटकलें तेज़ हो गईं है। विधानसभा चुनाव के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर अटकलें चल रही हैं। अब भूरिया को कमान सौंपे जाने की मांग सामने आई है। इससे पहले भी उनका नाम इस रेस में शामिल रहा है। लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने यह बयान दिया है। इससे पहले उन्होंने बाला बच्चन का नाम लेकर उन्हें पीसीसी चीफ बनाए जाने की बात कही थी। बता दें प्रदेश में कांग्रेस के पास 31 आदिवासी विधायक हैं जिनके दम पर कांग्रेस सत्ता में आने में कामयाब रही है। लेकिन भूरिया की जीत के बाद ही अब नए समीकरण बनने लगे हैं। प्रदेश में भूरिया को आदिवासी नेताओं में सबसे बड़ा चेहरा माना जाता रहा है।
कांग्रेस चाहती है कि आदिवासियों में अपनी पैठ बनाने के लिए किसी आदिवासी नेता को कमान दी जाए। इसलिए गृह मंत्री बाला बच्चन का नाम भी पहले सामने आ चुका है। वह प्रदेश के बड़े आदिवासी नेताओं में शुमार रहे हैं। लेकिन सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग उनके समर्थक कर रहे थे। उन्होंने खुलकर चेतावनी भी दी थी कि अगर किसी और को पद मिला तो वह पार्टी से इस्तीफा भी दे देंगे। जिसके बाद हाईकमान ने एमपी का फैसला टाले हुए कमलनाथ को ही पीसीसी चीफ बनाए रखने का फैसला किया था।