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गुडविन जूलर्स के मालिकों के खिलाफ FIR, तलाश

पालघर
निवेशकों के करोड़ों रुपये लेकर कथित तौर पर फरार होने के मामले में पुलिस ने गुडविन जूलर्स के मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश कर रही है। पुलिस ने कहा है कि स्टोर के मालिक केरल के रहने वाले हैं और अपने परिवार के साथ फरार हैं। दोनों मालिकों सुनील तथा सुधीश के मुंबई तथा पुणे में कम से कम 13 आउटलेट हैं। प्राइवेट लिमिटेड कंपनी गुडविन ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक सुनील कुमार कंपनी के चेयरमैन हैं, जबकि सुधीश कुमार प्रबंध निदेशक हैं।

महाराष्ट्र के ठाणे में पुलिस गुडविन जूलरी श्रृंखला के मालिकों के खिलाफ लुकआऊट नोटिस जारी करने में जुटी है। पड़ोसी पालघर जिले की पुलिस ने इस जूलरी फर्म के मालिकों पर ‘महाराष्ट्र वित्तीय प्रतिष्ठान जमाकर्ता हित संरक्षण (एमपीआईडी) अधिनियम’ के तहत भी मामला दर्ज किया है। इस कानून में ग्राहकों को चूना लगाने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई के प्रावधान हैं।

क्या है मामला?
पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (PMC) बैंक घोटाले के बाद महाराष्ट्र में एक और बड़े घोटाले का अंदेशा जताया जा रहा है। प्रदेश में एक जूलरी स्टोर के बंद होने के बाद हजारों लोगों की हालत खराब है। दरअसल, इन लोगों ने इस स्टोर की फिक्स्ड डिपॉजिट तथा गोल्ड स्कीमों में भारी-भरकम निवेश कर रखे हैं, लेकिन स्टोर के मालिक पिछले कई दिनों से अपनी दुकानें बंद कर फरार हैं। जब पुलिस जूलरी स्टोर गुडविन स्टोर्स के मालिकों सुनील कुमार तथा सुधीश कुमार के डोंबिवली स्थित आवास पर पहुंची तो उसे बंद पाया, जिसके बाद इसी इलाके में स्थित उनके शोरूम को सील कर दिया।

करोड़ों का हुआ है निवेश
लोगों का दावा है कि उन्होंने गुडविन की स्कीमों में 2,000 रुपये से लेकर 50 लाख रुपये से ऊपर का निवेश कर रखा है। लेकिन पुलिस का मानना है कि यह रकम करोड़ों में हो सकती है। रामनगर पुलिस थाने के सीनियर इंस्पेक्टर एसपी अहेर ने बताया, 'हमने स्टोर्स के मालिकों और उनके एरिया मैनेजर मनीष कुंडी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है और इसकी जांच की जा रही है।' उन्होंने कहा कि अब तक केवल डोंबिवली के लगभग 250 लोगों ने उनसे संपर्क किया है और जमा हुई कुल रकम का पता लगाने के लिए उनके बयान दर्ज किए गए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने जब उनसे संपर्क करने की कोशिश की तो उनका मोबाइल फोन स्वीच्ड ऑफ मिला।

कंपनी की दो स्कीमें
1. पहली स्कीम में फिक्स्ड डिपॉजिट पर 16% इंट्रेस्ट की पेशकश की गई थी।
2. दूसरी स्कीम में डिपॉजिट के एक साल पूरे होने पर गोल्ड जूलरी देने की पेशकश की गई थी। कोई निवेशक एक साल के लिए एक महीने में चाहे कितनी भी रकम का निवेश कर सकता था। निवेशक अपनी रकम के बराबर गोल्ड ले सकता था या कैश चाहने वालों को 14 महीने के लिए इंतजार करना पड़ता था।

 

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