वजह: सिर से गेंद टैकल करना
ग्लासगो यूनिवर्सिटी के 7000 से ज्यादा फुटबॉलर और 23 हजार अन्य लोगों पर रिसर्च में हुआ खुलासा
नई दिल्ली
फुटबॉल लवर्स के लिए मैच के दौरान हेडर का रोमांच वैसा ही होता है, जैसा क्रिकेट में बाउंसर का। इससे खिलाड़ी की मानसिक और शारीरिक मजबूती का पता चलता है, साथ ही मैदान पर एग्रेशन का लेवल भी बढ़ जाता है। लेकिन अपने खेल जीवन में मैदान पर लगाए यही तमाम हेडर्स ढलती उम्र में फुटबॉलर्स के लिए समस्या की वजह बन रहे हैं। एक रिसर्च से पता चला है कि फुटबॉलर्स में ढलती उम्र के साथ सिर और दिमाग संबंधी बीमारियों का खतरा आम लोगों की तुलना में तीन गुना से भी ज्यादा होता है। ये खतरा जानलेवा स्तर का साबित हो रहा है।
कुछ समय पहले आई एक खबर इस रिसर्च की वजह बनी। खबर आई थी कि वेस्ट ब्रॉम के स्ट्राइकर जेफ एस्ले की मौत सिर संबंधी गंभीर बीमारियों की वजह से हुई। इसके बाद ग्लासगो यूनिवर्सिटी ने इसी आधार पर रिसर्च शुरू की। रिसर्च 7,676 फुटबॉलर्स और करीब 23 हजार अन्य लोगों पर की गई। उन लोगों के सैंपल भी लिए गए, जो 19वीं सदी में एक्टिव फुटबॉलर रहे हैं। जेफ एस्ले के परिवार को भी रिसर्च में शामिल किया गया।
बीमारी के लक्षण उम्र ढलने के साथ दिखते हैं
नतीजा निकला कि सिर से बॉल को टैकल करने का फुटबॉलर्स पर गंभीर असर हो रहा है। इसके लक्षण उस वक्त नहीं, बल्कि उम्र ढलने के साथ दिखने लगते हैं। रिसर्च फुटबॉल एसोसिएशन और प्रोफेशनल फुटबॉलर्स एसोसिएशन की नजर से भी होकर गुजरी। हालांकि एक अच्छी बात ये है कि फुटबॉलर्स में दिल संबंधी या अन्य गंभीर बीमारियों की संभावना अन्य लोगों से दो गुना तक कम होती है।
दिल से संबंधित और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम
ग्लासगो के न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर विली स्टीवार्ट बताते हैं- फुटबॉलर्स को न्यूरो संबंधी समस्या बढ़ रही है, लेकिन बेहद एक्टिव लाइफस्टाइल की वजह से उन्हें दिल संबंधी बीमारी, कैंसर या ऐसी ही अन्य घातक बीमारियों की संभावना काफी कम होती है।