नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वॉलिटी बिगड़ने की समस्या गंभीर रूप लेती जा रही है। अभी दिवाली, मौसम की खराबी और पराली जलाने से उत्पन्न धुएं के गुबार के कारण वायु प्रदूषण बढ़ने की आशंका है। ऐसे में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने पंजाब और हरियाणा की सरकारों से पराली जालने पर कड़ाई से रोक लगाने को कहा है। पीएमओ ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर 13 प्रमुख इलाकों की पहचान की है जहां सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है।
अगला तीन हफ्ता चुनौतीपूर्णपीएमओ ने कहा कि अगला तीन हफ्ता वायु प्रदूषण के लिहाज से चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव सीके मिश्रा ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'पंजाब और हरियाणा में 13 हॉटस्पॉट्स की पहचान हुई है जहां सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है। पीएमओ ने दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वॉलिटी की स्थिति की समीक्षा की है और दोनों राज्यों से कहा है कि पराली जाने में ज्यादा-से-ज्यादा कटौती के लिए हरसंभव प्रयास करें।'
पंजाब-हरियाणा के प्रमुख जिलों की पहचान
सैटलाइट से नजर रखे जाने पर पता चला कि पंजाब के जिन जिलों में इस वर्ष अब तक सबसे ज्यादा पराली जलाए जाने की घटना सामने आई है, उनमें अमृतसर, तरन तारन और पटियाला जबकि हरियाणा में करनाल, कुरुक्षेत्र और कैथल शामिल हैं। दोनों राज्यों ने भी अपनी तरफ से उन खास जगहों की लिस्ट बनाई है जहां प्राथमिकता के आधार पर कदम उठाने की जरूरत है।
एक्सपर्ट्स के साथ मीटिंग
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने गुरुवार को एक टास्क फोर्स मीटिंग की जिसमें दिल्ली सरकार एवं नगरपालिका अधिकारियों के साथ-साथ आईआईटी और टेरी के एक्सपर्ट्स भी शामिल हुए। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है, 'प्रधान सचिव ने पंजाब और हरियाणा के प्रतिनिधियों को पराली जलाने की समस्या से प्रभावी तौर पर निपटने के विशेष निर्देश दिए। इन दोनों राज्यों के अधिकारियों ने पीएमओ से वादा किया कि वे किसानों को समझाने के लिए अपना प्रशासनिक अमला लगा देंगे ताकि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता सुधर सके।'
27 अक्टूबर से 4 नवंबर तक चुनौती
उधर, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सेक्रटरी सी के मिश्रा ने बताया कि पीएमओ ने दिल्ली सरकार और स्थानीय निकायों को पानी के छिड़काव, मशीन से सफाई और वार्ड लेवल पर धूल से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, 'दिवाली के बाद हमारे सामने गंभीर चुनौती होगी। हमें 27 अक्टूबर से 4 नवंबर तक दिवाली एवं पराली जलाने से उत्पन्न उत्सर्जन का असर महसूस हो सकता है। दिल्ली-एनसीआर में कोहरा भी हो सकता है। इन कारणों से हवा की गुणवत्ता बिगड़ सकती है।'