लखनऊ
कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश रचने के मुख्य आरोपी राशिद पठान उर्फ रशीद ने रिमांड के पहले दिन बुधवार को बताया कि कैसे पूरा प्लान बनाया, किसने क्या-क्या मदद की। हालांकि एटीएस और एसआईटी के कई सवालों पर वह उलझा भी रहा। कुछ जवाब देकर उसने पुलिस अफसरों को भी खूब उलझाने की कोशिश की। हालांकि बाद में अफसरों ने यह कहा कि जो कुछ भी बोला है, उसका सच गुरुवार को हत्यारोपी अशफाक और मोइनुद्दीन से आमना-सामना कराने पर पता चला जायेगा।
एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ पहले ही काफी हो चुकी थी। रिमांड के पहले दिन पुराने सवाल ही दोहराये जाते रहे। कुछ नये तथ्य जरूर पता चले हैं जिस आधार पर बरेली, शाहजहांपुर और पीलीभीत पुलिस को पड़ताल करने को कहा गया है।
जेल में सोये नहीं रात भर
एटीएस सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को सीजेएम के यहां पेश करने के बाद तीनों साजिशकर्ता मोहसिन शेख, राशिद और फैजान को लखनऊ जेल भेज दिया गया। रिमांड अवधि गुरुवार सुबह शुरू हुई। इसके लिए जब एटीएस के अफसर तीनों को लाने के लिए जेल पहुंचे तो वहां पता चला कि तीनों रात भर जागते रहे थे।
फडिंग की बात पर गोलमोल जवाब
पड़ताल में आया था कि राशिद ने ही सूरत में दोनों हत्यारों के लिये रुपये जुटाये थे। पर, इस बारे में जब पूछा गया तो वह साफ मुकर गया। उसने बताया कि अशफाक को 20 हजार रुपये दिये थे जो उसने जरूरत के लिये मांगे थे।
महिला से पहचान करायी जायेगी
घटना के बाद पुलिस को हत्यारों के फुटेज मिले थे तो एक में लाल रंग का कुर्ता पहने हुए साथ चल रही महिला भी दिखी थी। फुटेज जब वायरल हुए तो महिला और उसके पति ने खुद पुलिस अफसरों से संपर्क किया था। अब तक की पड़ताल में महिला की कोई संलिप्तता नहीं मिली है। एटीएस अफसर गुरुवार को इस महिला से भी हत्यारों की पहचान गोपनीय तरीके से करायेंगे।