ग्वालियर
ग्वालियर में सीआरपीएफ आरक्षक भर्ती परीक्षा (CRPF recruitment examination) में फर्जीवाड़ा (forgery) कर लिखित परीक्षा (Written test) पास करने वाले और दो परीक्षार्थी पकड़े गए हैं. इन लोगों ने एक ही सॉल्वर (Solver) के जरिए लिखित परीक्षा पास की थी. ये दोनों जब फिजिकल टेस्ट (Physical Test) देने पहुंचे तो इनके फोटो मिस मैच होने पर बवाल मच गया और फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. एक परीक्षार्थी तो सॉल्वर के मोम से बने थंब इंप्रेशन का क्लोन अंगूठे पर लगाकर आया था ताकि फिंगर प्रिंट (finger print) मिस मैच न हो लेकिन फोटो मिस मैच होते ही वह पकड़ा गया. पुलिस ने दोनों परीक्षार्थियों के खिलाफ पनिहार थाने में एफआईआर (FIR) दर्ज कर लिया गया. दोनों युवकों को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया गया है.
दरअसल पनिहार के सीआरपीएफ के सीटीसी (सेंट्रल ट्रेनिंग कॉलेज) में आरक्षक भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट चल रहा है. मुरैना के रहने वाले अभ्यर्थी विष्णु गौड़ और चरण सिंह गौड़ का फोटो और थंब इंप्रेशन मिस मैच होने पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
फर्जीवाड़ा में पकड़े गए दोनों युवकों ने सॉल्वर का नाम इंद्रजीत सिंह कुशवाह बताया है. कुशवाह पेशे से शिक्षक है और प्रतियोगी परीक्षा की कोचिंग चलाता है. विष्णु की परीक्षा 28 फरवरी 2019 को ग्वालियर में और चरण सिंह की परीक्षा 6 मार्च को भोपाल में थी. दोनों की जगह वही परीक्षा देने गया था.
विष्णु जब फिजिकल टेस्ट देने गुरुवार को ग्वालियर आया तो उसने अपना थंब इंप्रेशन बनाकर विष्णु को दिया था, जिसे एक गोंद के जरिए विष्णु ने अंगूठे पर चिपका रखा था. दस्तावेजों की जांच में विष्णु का फोटो मिसमैच पाया गया. वह घबरा गया और अंगूठे पर चिपका थंब इंप्रेशन वाला क्लोन निकालकर खा गया. उधर, चरण सिंह की जगह जब सॉल्वर परीक्षा देने गया था तो उसने चरण के थंब इंप्रेशन का क्लोन बनाकर परीक्षा दी थी. चरण जब फिजिकल टेस्ट देने पहुंचा तो उसका फोटो मिसमैच हो गया. इसके बाद उसे पकड़ा गया.
पुलिस को शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि विष्णु से इंद्रजीत ने एक लाख में परीक्षा पास कराने का ठेका लिया था. उसने 20 हजार रुपए एडवांस लिए थे, जबकि चरण सिंह से 50 हजार रुपए में सौदा हुआ था और 10 हजार रुपए एडवांस लिए थे. गौरतलब है कि 26 अगस्त को भी सीआरपीएफ में फिजिकल टेस्ट से पहले मुरैना निवासी दो अभ्यर्थी संजय और नीरज थंब इंप्रेशन मिस मैच के चलते पकड़े गए थे. उन दोनों की जगह भी किसी अन्य ने परीक्षा दी थी.