जबलपुर
संभाग के नरसिंहपुर जिले की तहसील गोटेगांव मेंं एसडीएम जीसी डेहरिया और तहसीलदार लालसाहेब जगत के बीच विवाद गहराने से अपर कलेक्टर मनोज ठाकुर को लिखित एडवाइजरी जारी कर अफसरों को सिविल सेवा के नियम-कायदे और अनुशासन का पाठ पढ़ाना पड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ दो अफसरों का विवाद संभागीय मुख्यालय तक पहुंचने पर आला अधिकारियों ने भी संज्ञान में लेकर निपटारे की हिदायत दी गई है। चूंकि इस समय नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना व संभाग कमिश्नर राजेश बहुगुणा दोनों ही बाहर हैं इसलिए दोनों अधिकारियों की 24 अक्टूबर को पेशी तय कर दी गई है।
मामला दरअसल विगत दिनों अतिवृष्टि-बाढ़ से हुई क्षति का सर्वे और मुआवजा वितरण से जुड़ा है, जिसमें पात्र-अपात्र का चिन्हांकन कर राशि बांटी जाना है और शासन को अनावश्यक क्षति न हो इसके लिए प्रशासन कवायद कर रहा है। इसमें राजस्व निरीक्षक और पटवारियों की रिपोर्ट में आए तथ्यों के आधार पर फाइनल हो रहे कुछ प्रकरणों को लेकर दोनों अफसरों के बीच ठन गई। अपर कलेक्टर के हस्तक्षेप से मामला शांत करने के बावजूद ईगो की लड़ाई अभी भी जारी है।
उधर, इसका फायदा उठा कर किसानों को लाभ पहुंचाने घोटालेबाज अधिकारी व अमले ने मक्का और सोयाबीन को भी उड़दा बता मुआवजा दिलाना शुरु कर दिया है। जानकार इसे क्रॉस चैक करने पर जोर दे रहे हैं, वहीं राजस्व निरीक्षक आलोक सोनी, हीरालाल धुर्वे, पटवारी जैन मैडम आदि की भूमिका पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। बुधगांव,दिघारी, रायखेड़ा, नौनी, पिपरिया, सांकली,वेदू,गुंदरई आदि तहसील के ग्रामों में यह मुआवजा बंटना है। इसके लिए कुल 30 हजार 946 किसानों की 26 हजार 397 हैक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है।