भोपाल. प्रदेश के झाबुआ विधानसभा सीट पर 21 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव (Jhabua Assembly By-election) के लिए शनिवार को चुनाव प्रचार थम गया. सोमवार को उपचुनाव के लिए होने वाले मतदान को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) ने सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव का कहना है कि उपचुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखने के लिए 3 हजार पुलिसकर्मियों के साथ-साथ केंद्रीय शस्त्र बल की 4 कंपनियां तैनात रहेंगी. मतदान केंद्रों की वेब कास्टिंग (Web Casting) और सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी. 356 मतदान केंद्रों (Polling Booth) के लिए रूट, वाहनों के साथ ही कर्मचारियों की भी व्यवस्था की गई है. कांताराव ने कहा कि झाबुआ उपचुनाव में अब तक 25 शिकायतें मिली हैं. सारी शिकायतों का निराकरण भी हो चुका है. वहीं भारत निर्वाचन आयोग के दो प्रतिनिधि 24 घंटे तैनात हैं. उनके पास भी शिकायतें जा रही हैं. आपको बता दें कि झाबुआ से कांग्रेस ने जहां कांतिलाल भूरिया (Kantilal Bhuria) को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं भाजपा की ओर से भानू भूरिया (Bhanu Bhuria) मैदान में हैं.
QRT की भी तैनाती
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि झाबुआ उपचुनाव में 3 हजार पुलिसकर्मी और केंद्रीय बलों की 4 कंपनियों की ड्यूटी लगाई गई है. संवेदनशील केंद्रों पर क्विक रिस्पांस टीम (QRT) भी तैनात होगी. ये टीमें मतदान के बाद 24 अक्टूबर तक स्ट्रांग रूम की सुरक्षा करेंगी. हर मतदान केंद्र पर मोबाइल सेक्टर मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी के रूप में 100 मोबाइल दल मौजूद रहेंगे. ये दल किसी भी तरह की समस्या होने पर पांच मिनट में मौके पर पहुंच जाएंगे.
मतदान केंद्रों की सीसीटीवी से निगरानी
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि झाबुआ उपचुनाव में 356 मतदान केंद्रों में से 61 केंद्र संवेदनशील हैं. इन केंद्रों पर वेब कॉस्टिंग और सीसीटीवी की व्यवस्था है, ताकि मतदान केंद्रों की निगरानी हो सके. सभी 356 मतदान केंद्रों पर कुल 700 ईवीएम से वोटिंग कराई जाएगी. कांताराव ने बताया कि 25 प्रतिशत अतिरिक्त मशीनें रिजर्व में रखी गई हैं, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी पर तत्काल दूसरे ईवीएम से मतदान प्रक्रिया जारी रखी जा सके. मतदानकर्मियों की व्यवस्था के लिए ग्राम पंचायत और नगरपालिका अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.
झाबुआ उपचुनाव में मतदान केंद्रों की सुबह से ही मॉनिटरिंग की जाएगी. झाबुआ के अलावा भोपाल में भी इसके लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां से हर पल की जानकारी अपडेट की जाएगी. कंट्रोल रूम से वोटिंग प्रतिशत, मशीन बदलने या किसी भी तरह के विवाद की स्थिति की निगरानी की जाएगी. जीपीएस से हर वाहन की मॉनीटरिंग होगी. मतदान दल के साथ ईवीएम जाने वाले हर वाहन की और मतदान के बाद स्ट्रांग रूम तक जाने वाली गाड़ियों में जीपीएस से मॉनिटरिंग होगी.