भोपाल
प्रमुख सचिव ऊर्जा मनु श्रीवास्तव व ने कहा कि प्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिये राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस सिलसिले में अब तक उठाये गये कदमों के उत्साहजनक परिणाम हासिल हुए हैं।
वास्तव आज इंदौर में मैग्नीफिसेंट एमपी के समानान्तर सत्र में संबंधित उद्योगपतियों के साथ 'एमपी रीपॉवरिंग द कंट्री अपाच्युनिटीज न्यू एण्ड रिन्युएबल इनर्जी' पर चर्चा कर रहे थे। वास्तव ने कहा कि इस क्षेत्र में मध्यप्रदेश के बाहर भी सरकार ने कदम उठाये हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 2 लाख सोलर पम्प लगाये जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश उन कुछ राज्यों में शामिल है जिन्होंने विकेन्द्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा के संबंध में नीति तैयार की है। प्रमुख सचिव ने कहा कि विंड इनर्जी एवं सोलर इनर्जी को प्रदेश में बढ़ावा दिया जायेगा।
उद्योगपति सुमन्त सिन्हा ने विंड और सोलर इनर्जी के संदर्भ में आशा व्यक्त की कि यह नीति सतत् रूप से जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि कई महीनों से भुगतान के मामले में प्रदेश का रिकार्ड सबसे अच्छा रहा है। सिन्हा ने इस बात पर जोर दिया कि प्राकृतिक संसाधनों की बहुलता के चलते प्रदेश में विंड और सोलर इनर्जी की संभावनाएँ काफी उज्ज्वल है। उन्होंने बताया कि वे मध्यप्रदेश सरकार के सकारात्मक सहयोग के मद्देनजर अन्य ऊर्जा कारोबारियों को भी प्रदेश में निवेश करने के लिये प्रेरित करेंगे।
हीरो फ्यूचर इनर्जीज ग्रुप के सुनील जैन ने कहा कि प्रदेश को नवकरणीय ऊर्जा का हब बनाने की दिशा में पहल की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष के दौरान मध्यप्रदेश पर पूरा फोकस है। सरकार की सकारात्मक नीति के चलते संबंधित क्षेत्रों के उद्योगपति ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश में निवेश करने के इच्छुक हैं। अन्य प्रदेशों में बीते एक साल के दौरान समस्याएँ सामने आती रही हैं। जैन ने कहा कि रीवा की तरह सोलर पार्क बनाये जाने पर पीपीपी मोड में साझेदारी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में इस क्षेत्र में अग्रणी बनने की संभावनाएँ हैं और यहाँ इन्वेस्टर्स फ्रेंडली वातावरण के चलते प्रदेश में निवेश की कोई कमी नहीं आयेगी।
सीमेन्स गमेशा के रमेशा कीमाल एवं अन्य उद्योगपतियों ने नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश शासन से अपनी अपेक्षाओं को रेखांकित किया। उद्योगपति मनोज मोदी ने भी सत्र को संबोधित किया।
सत्र के समापन पर संबंधित क्षेत्र के व्यवसाइयों ने अपने प्रश्न और अपेक्षाओं को अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया। प्रमुख सचिव मनु वास्तव ने सत्र के दौरान उद्योगपतियों द्वारा उठाई गयी शंकाओं का समाधान किया और अपेक्षाओं को यथासंभव पूरा करने की दिशा में पहल करने का भरोसा दिलाया।