नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार की शाम कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद लापता हुई और फिर राजस्थान में मिली कानून की छात्रा अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश नहीं जाना चाहती। न्यायाधीशों ने लड़की से बंद कमरे में बात की। उत्तर प्रदेश पुलिस शीर्ष अदालत के निर्देश पर उसे न्यायालय लेकर आयी थी। न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने खुली अदालत में सुनवाई में कहा, ''महिला अपने माता-पिता के यहां आने तक दिल्ली में रहना चाहती है।" पीठ ने कहा कि लड़की चार दिन तक राष्ट्रीय राजधानी में रहेगी और इस दौरान शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करें कि महिला के माता-पिता को उससे मिलने के लिए उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से सुरक्षित दिल्ली लाया जाए।
पीठ ने कहा कि महिला ने उससे कहा कि वह खुद को बचाने के लिए तीन सहपाठियों के साथ शाहजहांपुर से निकल गयी। शीर्ष अदालत ने कहा कि महिला ने उससे कहा कि जब तक वह अपने माता-पिता से मिल नहीं लेती, उनसे बातचीत कर नहीं लेती, वह तब तक उत्तर प्रदेश नहीं लौटेगी। पीठ ने कहा कि वह दो सितंबर को फिर इस मामले को सुनेगी और तब तक महिला अपने माता-पिता को छोड़कर किसी अन्य से न तो बातचीत करेगी और न ही मिलेगी।
पीठ ने कहा कि महिला ने उससे कहा है कि अपने माता-पिता से मिलने और उनसे बातचीत करने के बाद ही वह अपने भावी कदम के बारे में निर्णय लेगी। पीठ ने निर्देश दिया कि महिला के माता-पिता को यहां सुरक्षित लाने के लिए दिल्ली पुलिस की एक टीम शाहजहांपुर भेजी जाए। शीर्ष अदालत ने सुनवाई समाप्त की और कहा कि महिला के माता-पिता को दिल्ली लाने के लिए जाने वाली टीम अगले आदेश तक उन्हें सुरक्षा प्रदान करती रहेगी।