वाराणसी
ठेकेदार अवधेश चंद्र श्रीवास्तव की पीडब्ल्यूडी दफ्तर में आत्महत्या मामले में शुक्रवार को एई आशुतोष सिंह व जेई मनोज कुमार सिंह को कैंट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। ठेकेदार के सुसाइड नोट में इन्ही दोनों का नाम था। वहीं अन्य आरोपितों से भी जल्द ही पूछताछ होगी। जांच के दायरे में कई और अभियंता आ सकते हैं।
28 अगस्त को शिवपुर के विश्वनाथपुरी कॉलोनी निवासी पीडब्ल्यूडी में 'ए' श्रेणी के ठेकेदार अवधेश चंद्र श्रीवास्तव ने मुख्य अभियंता अंबिका सिंह के कमरे में लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद पुलिस को अवधेश की गाड़ी से छह पेज का सुसाइड नोट मिला था, जिसमें आत्महत्या के पीछे कमीशन के चक्कर में निर्माण कार्यों का भुगतान नहीं होना वजह बताया था।
सुसाइड नोट में अवधेश ने एई आशुतोष सिंह और जेई मनोज कुमार सिंह पर जानबूझकर पेमेंट रोकने और बार-बार दौड़ाने का आरोप लगाया था। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि गिरफ्तार इंजीनियरों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। अन्य आरोपितों की भूमिका की जांच के लिए भुगतान संबंधी सभी फाइलों का विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है। ताकि स्पष्ट हो सके कि किस स्तर पर कब से भुगतान रोका गया था।
इस मामले में ठेकेदार की पत्नी प्रतिभा श्रीवास्तव ने पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह, सहायक अभियंता आशुतोष सिंह, आरपी दुबे, एसडी मिश्रा, जूनियर इंजीनियर मनोज कुमार सिंह, यूएस पांडेय, एक अधिशासी अभियंता और बिजली विभाग के विजिलेंस इंस्पेक्टर दीपक श्रीवास्तव के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कराया है।
मनोज ने पिछले हफ्ते लिया था दस लाख कमीशन
ठेकेदार अवधेश चंद्र श्रीवास्तव के बकाया का भुगतान कराने के लिए पिछले शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी के जेई मनोज सिंह ने 10 लाख रुपये कमीशन लिया था। इसके बावजूद मनोज भुगतान नहीं किया और टरकाते रहे। ठेकेदार अवधेश की पत्नी प्रतिभा ने यह आरोप गुरुवार को ही लगाया था। प्रतिभा ने कहा कि उनके पति अवसादग्रस्त नहीं थे। अवधेश का जितना भी बकाया था उसका पाई-पाई का भुगतान किया जाए। इसके साथ ही परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद देकर सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था की जाए।
विवेचक ने पत्नी से की पूछताछ
मामले में केस के विवेचक ठेकेदार के विश्वनाथपुरी कॉलोनी स्थित घर पर पहुंचे और पत्नी प्रतिभा श्रीवास्तव से बातचीत की। प्रतिभा श्रीवास्तव का स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण उनसे लंबी बातचीत नहीं हो सकी। फिर भी यह जानने की कोशिश की गई कि अवधेश का कितना रुपया बकाया था और वह इसके लिए कब से परेशान थे। अवधेश ने बकाया भुगतान के लिए किसको-किसको पत्र लिखा था और कितनी बार लिखा था। पुलिस ने अवधेश के परिवार से सारे साक्ष्यों को उपलब्ध कराने को कहा है।