मध्य प्रदेश

गौण खनिज नियमों में संशोधन स्वीकृत: नीलामी द्वारा मिलेगी लीज

भोपाल

मुख्यमंत्री  कमल नाथ की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रि-परिषद् की बैठक में भारत सरकार द्वारा फरवरी, 2015 में घोषित 31 मुख्य गौण खनिजों के आवंटन की विस्तृत नीति को स्वीकृति प्रदान की गई। समस्त शासकीय भूमियों पर डोलोमाइट और लेटेराइट सहित इन 31 खनिजों नीलामी के माध्यम से आवंटन किया जायेगा। अब 25 करोड़ रूपये तक का निवेश करने वाले उद्योगों से संबंधित प्रस्तावों को बिना नीलामी के सीधे आवंटन किया जायेगा। इसके साथ ही निजी भूमि पर ऐसी खदानों के आवेदनों का आवंटन सीधे किया जाएगा।

खनिज मंत्री  प्रदीप जायसवाल ने बताया कि लम्बे समय से यह नीति विचाराधीन थी। अब इसे मुख्यमंत्री कमल नाथ की मंशा अनुसार प्रदेश में रोजगार की वृद्धि तथा खनिजों के पारदर्शी तरीके से आवंटन के निर्देशों के अनुसार बनाया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा ऐसे सैकड़ों की संख्या में ऐसे भू-खण्ड तथा खनिज ब्लॉग चिन्हित किये गये हैं, जिन्हें अब इस नीति के अन्तर्गत शीघ्र आवंटित किया जा सकेगा।

वर्तमान में इन 31 खनिजों से प्रदेश को मात्र 15 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष की रॉयल्टी प्राप्त होती है। इनकी मात्र 109 खदानों संचालित हैं। इस नीति के आने के बाद एक साल के अन्दर 500 नई खदानें आवंटित करने का लक्ष्य है, जिससे राजस्व प्रतिवर्ष बढ़कर 300 करोड़ हो सकेगा तथा हजारों नये रोजगार सृजित होंगे।

मंत्रि-परिषद ने आज गिट्टी पत्थर से बनने वाली एम-सेण्ड को भी स्वीकृति दी, जिससे क्रशर के माध्यम से पत्थर की रेत मात्र 25 रूपये प्रति घनमीटर की रॉयल्टी पर बेची जा सकेगी। इसी प्रकार ग्रेनाइट की खदानों में निकलने वाले टूटे पत्थर को भी निर्माण कार्यों के लिये गिट्टी के रूप में खनिज की मान्यता दी गई है। इससे निर्माण कार्यों में गति आयेगी।

प्रदेश में फर्शी पत्थर का कारोबार 2010 की नीति के कारण ठप्प पड़ा था। इस पर पुनर्विचार कर उसकी खदानों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिये व्यापक नये प्रावधान किये गये हैं। इन संशोधनों में यदि सिंचाई के तालाबों से गाद एवं रेत निकाली जाती है, तो वह मिट्टी कृषकों द्वारा अपनी भूमि सुधार के लिये नि:शुल्क ले जाने का प्रावधान भी किया गया है। कवेलू उद्योग में उपयोग होने वाली मिट्टी पर रायल्टी 50 घनमीटर कर दी गई है। साथ ही लीज आवंटन प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है।

मंत्री  प्रदीप जायसवाल ने देश की सबसे अग्रणी एवं उत्तम गौण खनिज नीति बनाने के लिये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलाया है कि विभाग आने वाले एक वर्ष में इस नीति के माध्यम से प्रदेश के खनिज संसाधनों के पारदर्शी तरीके से आवंटन एवं राज्य के राजस्व में वृद्धि के नये आयाम स्थापित करेगा।

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