इंदौर
देश के सबसे साफ शहर का तमगा रखने वाला इंदौर (Indore) कई मायनों में देश के सामने नजीर पेश कर रहा है, लेकिन शहर का अव्यवस्थित ट्रैफिक लोगों के लिए समस्या बनता जा रहा है. आखिर तमाम कोशिशों के बावजूद ट्रैफिक व्यवस्था (Traffic system) सुधर नहीं पा रही है. जबकि ट्रैफिक समस्या से परेशान होकर हाईकोर्ट में एडवोकेट अजय बागड़िया और मनीष गुप्ता ने जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर सोमवार को हाईकोर्ट जस्टिस एससी शर्मा (Justice SC Sharma) और जस्टिस शैलेन्द्र शुक्ला (Justice Shailendra Shukla) की युगल पीठ ने सुनवाई करते हुए शहर की यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए अहम अंतरिम आदेश दिया है. वहीं इस मामले में अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी.
हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि शहर में ट्रैफिक सिग्नल (Traffic Signal) 24 घंटे चालू रखे जाएं. इसके अलावा साथ ही सुबह 8 से 12 और शाम 5 से 11 बजे तक हर प्रमुख चौराहों और तिराहों पर दो ट्रैफिक पुलिस जवानों को तैनात किया जाए, जिससे लोगों को न केवल ट्रैफिक समस्या से निदान मिल सके बल्कि एक्सीडेंट की संख्या में भी कमी हो सके.
35 लाख की जनसंख्या वाले इंदौर शहर के लिए 850 ट्रैफिक जवानों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में 390 पद रिक्त हैं. ऐसे में पूरे शहर के ट्रैफिक व्यवस्था महज 460 जवानों के हाथों में हैं. हालांकि पुलिस बल की कमी से कई चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात नहीं रहते हैं, क्योंकि इन 460 जवानों में से वीआईपी और वाहन चेकिंग में भी इनकी ड्यूटी लगाई जाती है. इसलिए शहर के चौराहों पर पूरे समय जवान तैनात नहीं रह पाते हैं. इसलिए शहर का ट्रैफिक बिगड़ता है. हालांकि पुलिस भी ट्रैफिक संभालने के लिए दूसरी संस्थाओं की मदद लेने का प्रयास करती है.
35 लाख की जनसंख्या वाले इंदौर शहर के लिए 850 ट्रैफिक जवानों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में 390 पद रिक्त हैं.
इंदौर शहर में यातायात के सुगम प्रबंधन के लिए विजन 2022 के नाम से एक विस्तृत योजना लागू की गई है. इसके तहत शहर के यातायात में सुधार में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने की योजना को एक रूप दिया जा रहा है. इसलिए शहर के पलासिया चौराहा से रीगल चौराहा तक के मार्ग को आदर्श मार्ग के रूप में चिन्हित किया गया है, जिस पर स्कूल व कॉलेज छात्र-छात्राओं के माध्यम से नागरिकों में यातायात के प्रति जागरूकता का प्रयास किया जा रहा है. इसी क्रम में सोमवार को आदर्श मार्ग पलासिया से रीगल के बीच सभी चौराहों पर आईटीएस, डीएवी, गुजराती इंस्टिट्यूट, प्रेस्टीज कॉलेज, फ्री लाइन्स संस्थानों के 110 वॉलेंटियर ने आदर्श मार्ग पर ट्रैफिक नियमों के पालन कराने एवं सुरक्षित व सुव्यवस्थित ट्रैफिक संचालित कराने में यातायात पुलिस इंदौर का सहयोग किया.
वालंटियर्स ने विशेष रूप से गलत दिशा से आने वाले वाहनों को वापस कर सही दिशा में चलने के लिए प्रेरित करने का अभियान चलाया. वॉलिंटियर्स ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को सही दिशा में जाने और ट्रैफिक नियमों के पालन का सुझाव दिया..
इंदौर की बिगड़ेल ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए खुद खेल मंत्री जीतू पटवारी को सड़क पर उतरना पड़ा था. शहर के चाणक्यपुरी चौराहे पर लम्बा जाम लगा हुआ था, जिसमें मंत्री जीतू पटवारी का भी काफिला फंस गया था. लम्बे समय तक अपने सरकारी वाहन में बैठे रहे जीतू पटवारी ने खुद ट्रैफिक व्यवस्था संभाली थी. जबकि उनके साथ उनके गनमैन और साथियों ने भी ट्रैफिक व्यवस्था का जिम्मा संभाला था और तब जाकर घंटों से जाम में फंसे लोग निकल पाए थे. इस दौरान ट्रैफिक पुलिस का ना तो कोई अधिकारी और ना कोई कांस्टेबल इस चौराहे पर नजर आया था.