नई दिल्ली
खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोत्तरी की वजह से सितंबर में खुदरा महंगाई दर 3.99 फीसद के स्तर पर पहुंच गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर (CPI Inflation) अगस्त महीने में 3.28 फीसद था। अगर हम सालाना आधार की बात करें तो सितंबर 2018 में यह 3.70 फीसद था। सितंबर महीने में खाद्य महंगाई दर में 5.11 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई जो अगस्त में 2.99 फीसद थी। सरकार द्वारा जारी किए आंकड़ों से यह बात सामने आई है।
सितंबर महीने में सब्जियों की महंगाई दर में 15.40 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई जो अगस्त में 6.90 फीसद थी । अनाज और उत्पादों की महंगाई दर सितंबर में 1.66 फीसद रही जो अगस्त में 1.3 फीसद थी।
दालों की महंगाई दर में 8.4 फीसद का इजाफा सितंबर में दर्ज किया गया जो अगस्त में 6.94 फीसद थी। हालांकि, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर (CPI Inflation) अब भी भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमानों के अनुरूप ही है जिसके आधार पर वह मौद्रिक नीति निर्धारित करता है।
सोमवार को ही थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर के आंकड़े आए थे। WPI Inflation सितंबर में घटकर 0.33 फीसद के स्तर पर आ गया जो अगस्त में 1.08 फीसद था।
कॉरपोरेट का निवेश कम होने और पारिवारिक खर्च घटने की वजह से अप्रैल-जून 2019 के दौरान GDP की वृद्धि दर 5 फीसद रही। 23 अगस्त को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यस्था में सुधार के लिए कई घोषणाएं की थीं। उन्होंने विदेशी निवेश के नियमों को सरल किया था, वाहनों की खरीदारी पर छूट देने की बात कही थी और बैंकों को सस्ता लोन देने की दिशा में प्रोत्साहित किया था ताकि ग्रोथ को बल मिल सके।
ग्रोथ को बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने भी अक्टूबर में एक बार फिर रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की थी।