हरदा
मध्य प्रदेश के हरदा जिले (Harda District) में खाद की कालाबाजारी पर सरकार की सख़्ती का असर दिखाई दे रहा है. आज कृषि विभाग (Department of Agriculture) ने कार्रवाई कर एक खाद विक्रेता फर्म का प्रथम दृष्टया विक्रय लाइसेंस निलंबित कर दिया. खाद विक्रेता आईएफएफडीसी कृषक सेवा केंद्र (IFFDC Kisan Seva Kendra) द्वारा बिना अनुमति 200 बैग यूरिया उर्वरक का अन्य गोदाम में भंडारण करने पर जिला कृषि विभाग ने यह कार्रवाई की है.
हरदा जिले में यूरिया उर्वरक का स्टॉक करने वाले व्यापारियों पर कृषि विभाग ने सख्ती बरतना शुरू कर दी है. विभाग द्वारा रबी गुण उर्वरक नियंत्रण अभियान के अंतर्गत यूरिया खाद बेचने वाले व्यापारियों के यंहा जांच की जा रही है. कृषि विभाग के सहायक संचालक और किसान कल्याण तथा कृषि विकास सह उर्वरक पंजीयन निरीक्षक ने उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के खंड 31(1) के तहत विक्रेता मेंसर्स आईएफएफडीसी कृषक सेवा केंद्र हरदा की अनुज्ञप्ति क्रमांक आरएस/448/1401/9/2015(वैधता 19 अगस्त 2021) को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है.
निलंबन की अवधि में उर्वरकों का क्रय-विक्रय और भंडारण को पूर्ण प्रतिबंधित किया गया है. उर्वरक निरीक्षक अनिल मलगाया ने बताया कि मैसर्स आईएफएफडीसी कृषक सेवा केंद्र हरदा द्वारा उर्वरक पंजीयन के समावेश गोदाम के अतिरिक्त अन्य गोदाम में अवैध रूप से यूरिया उर्वरक का स्टॉक किया गया था. यह उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के खंड 34 ओर 7 का उल्लंघन है. इसलिए विक्रेता पर यह कार्रवाई की गयी है. जिले में रबी सीजन में कुल 30 हजार मीट्रिक टन खाद की जरूरत होती है, जिसमें अभी तक जिले में 15 हजार टन से अधिक खाद वितरण हो चुका है.
विगत 7 अक्टूबर को प्रदेश किसान कांग्रेस के महासचिव गूर्जर शेलेन्द्र वर्मा द्वारा फेसबुक पर जिले में किसानों को ज्यादा दाम पर खाद बेचने पर जुलूस निकालने की खुलेआम चेतावनी दी थी. प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ने अपनी फेसबुक पोस्ट में यह लिखा था कि खाद बेचने वालों कान खोलकर सुन लेना भाई. तुमने यूरिया की बोरी तय भाव से ज्यादा में बेचीं और मुझे पता चल गया तो तुम्हारा जुलुस निकाल दूंगा. ध्यान रखना. इस पोस्ट के बाद किसान कांग्रेस नेता विवादों में आ गए थे.
जिला कृषि विभाग के उपसंचालक एमपीएस चन्द्रावत ने न्यूज़ 18 से चर्चा में बताया कि विक्रेता फर्म आईएफ़एफ़डीसी कृषक सेवा केंद्र हरदा पर प्रथम दृष्टया लाइसेंस निलम्बन की कार्रवाई की गयी है. कलेक्टर के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत कर स्टॉक जप्ती की कार्रवाई की जाएगी. उपसंचालक कृषि ने कहा कि जिले में कुल 161 खाद विक्रय करने वाले व्यापारी हैं. गुण उर्वरक नियंत्रण अभियान के अंतर्गत कुल 121 उर्वरक नमूने लिए गए थे, जिन्हें जांच के लिए उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला जबलपुर भेजा गया था. जांच में निर्धारित तत्व कम पाए जाने पर 4 नमूने फेल हो गए हैं और उन पर नियमानुसार कार्रवाई की गयी है.