रायपुर
मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की राज्य स्तरीय सशक्त समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में वर्ष 2018-19 और 2019-20 (सितम्बर 2019) के प्रगति की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने रोजगार गारंटी के कार्यो की स्वीकृति और निर्माण प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा है कि योजना के तहत निर्मित किए गए जल संरक्षण परिसम्पत्तियों और जल संरक्षण के लिए कराए गए अन्य कार्यो के कारण जल स्तर में हुए परिवर्तन का आंकलन कराया जाएं। उन्होंने यह भी कहा है कि परिषद के राज्य स्तरीय समिति की बैठक प्रत्येक छह माह में आयोजित किए जाएं और योजना के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाईयों और कमियों पर विस्तार से चर्चा करके उनका निराकरण किया जाए। बैठक में वार्षिक प्रतिवेदन 2017-18 का अनुमोदन भी किया गया।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल ने जानकारी दी कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल 37 लाख 66 हजार परिवारों को योजना के तहत पंजीकृत किया गया था। जिसमें से 24 लाख 43 हजार परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। इस वर्ष सितम्बर माह तक कुल 724 लाख मानव दिवसों का सृजन किया गया और प्रति परिवार को औसत रूप से 57 दिवसों का कार्य उपलब्ध कराया गया। चार लाख 28 हजार परिवारों को 100 दिनों का रोजगार और तीन लाख 96 हजार परिवारों को 100 दिनों से अधिक का रोजगार प्रदाय किया गया। वर्ष 2019-20 में कुल 37 लाख 56 हजार परिवारों का पंजीयन किया गया है। जिसमें से 17 लाख 96 हजार परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। सितम्बर माह तक 691 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया है। अगस्त 2019 तक के कार्यो का भुगतान कर दिया गया है। मजदूरी भुगतान हेतु 151 करोड़ और सामग्री भुगतान हेतु 128 करोड़ रूपए की राशि प्रक्रियाधीन है।
श्री मण्डल ने जानकारी दी कि प्रदेश में अब तक कुल 1872 गौठान निर्माण के कार्य मनरेगा के तहत स्वीकृत किए गए है। जिनमें से 1397 गौठानों में मूलभुत कार्य पूरे किए जा चुके है। गौठान में आने वाले पशुओं के लिए 1678 चारागाह विकास कार्य स्वीकृत किए गए है। जिनमें से 615 कार्य पूर्ण हो चुके है। गौठानों में मूलभुत कार्य और चारागाह विकास का कार्य तेजी से किया जा रहा है। नरवा उपचार के तहत प्रत्येक विकासखण्ड के दस नालों के विकास की कार्ययोजना तैयार की गई है। इनमें रिज टू वेली परिकल्पना के अनुसार कार्य किया जाएगा। नरवा उपचार के तहत अब तक राज्य भर में 1448 नरवा का चिन्हांकन किया गया है। इनमें पानी के संचयन के लिए वैज्ञानिक पद्धति से कार्य किया जाएगा। इस प्रक्रिया से 22 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जल स्तर बढ़ाने में सुविधा मिल सकेगी। बैठक में रोजगार गारंटी के तहत किए गए सफल कार्यो के विषय में भी जानकारी दी गई। बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि श्री के.डी.पी. राव, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव कृषि श्रीमती मनिन्दर कौर द्विवेदी, सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री टी.सी. महावर, सचिव आदिवासी विकास श्री डी.डी. सिंह, सचिव वन श्री जयसिंह महस्के, सचिव जल संसाधन श्री अविनाश चम्पावत सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।