ग्वालियर
बेटी बचाओ का नारा देने वाली सरकारें और इस नारे को बुलंद करती समाजिक संस्थाएं भी बेटियों को बचाने में कामयाब नहीं हो पा रही हैं । ताजा मामला ग्वालियर का है जहां एक दुष्कर्म पीड़िता को न्याय तो नहीं मिल पाया उल्टा उसपर आरोपी के परिजनों ने राजीनामे के लिए इतना दबाव बनाया कि उसने अपने प्राण ही त्याग दिए।
दरअसल हमारी क़ानूनी और सामाजिक व्यवस्था ही कुछ ऐसी है जिसमें आज भी लड़कियां सताई जा रही हैं। कुछ पैशाचिक प्रवृत्ति के लोग लड़कियों की इज्जत से खिलवाड़ कर समाज को प्रदूषित कर रहे हैं। ग्वालियर में एक दुष्कर्म पीड़िता के साथ भी ऐसा ही हुआ। जनकगंज थाना क्षेत्र में रहने वाली एक युवती के साथ घोसीपुरा में पड़ोस में ही रहने वाले उस्मान खान ने दुष्कर्म किया था। युवती ने जून महीने में पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद जनकगंज थाना पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। घटना के बाद से उस्मान के परिजन युवती और उसके परिजनों को परेशान करने लगे और राजीनामे के लिए दबाव बनाने लगे।
मृतका के पिता के मुताबिक बीती 20 अगस्त को भी उस्मान के परिजनों ने युवती और उसके परिजनों को धमकाया और बात नहीं मानने पर जान से मारने की धमकी दी। इस मामले में युवती ने पुलिस में शिकायत की लेकिन पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई। आरोपी की 18 अक्टूबर को कोर्ट में पेशी होनी है। जिसके चलते बीते रोज उस्मान की मां पीड़िता के घर पहुंची और युवती पर राजीनामे का दबाव बनाने लगी और नहीं करने पर उसे फिर जान से मारने की धमकी दी। इससे युवती परेशान हो गई और उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ऐसे समाज को ही अलविदा कह दिया जिसमें एक मां अपनी आवारा और आरोपी औलाद को बचा रही थी जिसे औरत होकर औरत का दर्द दिखाई नहीं दे रहा था। बहरहाल जनकगंज थाना टी आई ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि यदि आरोपी ने मृतका और उसके परिजनों को परेशान किया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। टी आई का कहना है कि ये बात उनके संज्ञान में नहीं है कि युवती ने थाने में कोई आवेदन दिया था । अब देखना ये है कि मरने के बाद भी पुलिस युवती को न्याय दिल पाती है कि नहीं।