खेल

मंजू रानी फाइनल में, जमुना-लवलिना को कांस्य से करना पड़ा संतोष

उलान उदे (रूस)

छह बार की चैम्पियन एमसी मेरीकॉम (51 किलो) को विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा, लेकिन पदार्पण कर रही मंजू रानी (48 किग्रा) ने शानदार प्रदर्शन के बूते शनिवार को यहां फाइनल में प्रवेश कर लिया. 18 साल बाद यह पहला मौका है जब किसी भारतीय महिला मुक्केबाज अपने पदार्पण विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंची है. मंजू से पहले एमसी मेरीकॉम 2001 में अपने पदार्पण विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची थीं.

छठी वरीयता प्राप्त मंजू रानी ने सेमीफाइनल में थाईलैंड की चुटहामत रखसत को 4-1 से शिकस्त दी. मंजू ने थाईलैंड की मुक्केबाज को 29-28, 30-27, 29-28, 28-29, 29-28 से मात दी और भारत के लिए इस प्रतियोगिता का पहला रजत पदक पक्का किया.

हरियाणा की मंजू रानी इस साल ही राष्ट्रीय शिविर में शामिल हुई हैं. उन्होंने कद काठी में अपने से ज्यादा मजबूत रखसत के सामने शानदार प्रदर्शन किया. पहले दो दौर में उन्होंने जवाबी हमले करना ही ठीक समझा. हालांकि स्ट्रांद्जा मेमोरियल की रजत पदकधारी मुक्केबाज अंतिम तीन मिनट में आक्रामक हो गईं.

इस तरह मंजू रानी ने अपने सीधे और तेज तर्रार मुक्कों से थाईलैंड की मुक्केबाज को काफी परेशान किया और जीत के लिए अंक जुटाए.

उधर, भारत की जमुना बोरो चैम्पियनशिप के 54 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की हूआंग सियाओ-वेन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा. टॉप सीड और एशियाई खेलों की पूर्व कांस्य पदक विजेता हूआंग सियाओ-वेन ने जमुना को 5-0 से करारी शिकस्त दी और फाइनल में जगह बनाई.

इस हार के साथ ही जुमना को इस प्रतियोगिता में कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा. चीनी ताइपे की खिलाड़ी पहले राउंड से ही जमुना पर हावी नजर आई और पांच जजों ने 29-28, 29-28, 30-27, 30-27, 30-27 से उनके पक्ष में फैसला सुनाया.

भारत की लवलिना बोरगोहेन को भी 69 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा. लवलिना को सेमीफाइनल में चीन की यांग लियू के खिलाफ करीबी मुकाबले में 2-3 से हार झेलनी पड़ी. इस हार के बार लवलिना को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. विश्व महिला मुक्केबाजी चैमपियनशिप में लवलिना का यह लगातार तीसरा कांस्य पदक है.

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