भोजपाल महोत्सव मेले में 17 से 20 दिसम्बर तक होंगे आयोजन
मेला देखने उमड़ रही भारी भीड़, सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद
भेल. भेल दशहरा मैदान में चल रहे भोजपाल महोत्सव मेले में दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृृतिक केंद्र नागपुर संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 17 से 20 दिसम्बर तक चार दिवसीय ‘ऑक्टेवÓ उत्तर पूर्व महोत्सव की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके तहत 8 राज्यों के 200 कलाकार मंच पर एक साथ प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम के निर्देशक डॉ. दीपक सिरवड़कर ने बताया कि टीम में कुल 14 ग्रुप हैं। प्रत्येक गु्रप में 15 कलाकार हैं। मुख्य कोरियोग्राफर प्रीति पटेल और सहायक कोरियोग्राफर सूरज सिंह ने बताया कि मंच पर रविवार को कार्यक्रम की रिहर्सल की गई। सोमवार को फाइनल रिहर्सल के बाद मंगलवार रोजाना 2 घंटे की प्रस्तुति दी जाएगी।
कार्यक्रम का आयोजन शाम 6.30 बजे से रात नौ बजे तक होगा। कार्यक्रम में स्थानीय सहयोग भोजपाल महोत्सव मेले की आयोजक भेल जनसेवा समिति द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम अधिकारी प्रेम स्वरूप तिवारी ने बताया कि इसमें बीहू भोरताल (आसाम), सिंघी छम, यॉक नृत्य (सिक्किम), इमे रेलोंं, दीर नृत्य (अरुणाचल प्रदेश), ढोल चोलम व थांगटा (मणिपुर), होजागिरी नृत्य व बिजू एवं झूम नृत्य (त्रिपुरा), वारियर नृत्य, मुनगंटा/ हार्वेस्ट नृत्य (नागालैंड), सल्लकिया नृत्य, चेराव नृत्य (मिजोरम), लोवाताला नृत्य, वायला नृत्य (मेघालय) राज्यों की प्रस्तुतियां दी जाएंगी।
मेला अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि यह पहला मौका है, जब 8 राज्यों के 200 कलाकार एक साथ एक मंच पर चार दिनों तक अपनी संस्कृति और नृत्य गान की छटा बिखेरेंगे। मेला संयोजक विकास वीरानी ने बताया कि इस प्रस्तुति के लिए इन सभी 8 राज्यों के कल्चरल थीम पर मेला परिसर में भव्य मंच बनाया गया है। जहां यह सभी कलाकार राजधानीवासियों को अपनी संस्कृति से रूबरू कराएंगे। उन्होंने लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में कार्यक्रम में पहुंचकर इसका लुत्फ उठाने की बात कही है।
गौरतलब है कि भेल दशहरा मैदान में चल रहे भोजपाल महोत्सव मेले में इन दिनों काफी भीड़ उमड़ रही है। शनिवार और रविवार को भीड़ और ज्यादा बढ़ जाती है। मेला आयोजक भेल जनसेवा समिति द्वारा चाकचौबंद व्यवस्था की गई है। मेला अध्यक्ष ने बताया कि मेला समिति के वालेंटियर के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था में प्राइवेट सिक्योरिटी और पुलिस बल का विशेष सहयोग लोगों को मिल रहा है। पूरे मेला परिसर में चप्पे-चप्पे पर सीसी टीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे मेले में आने वाले लोगों की हर गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही यहां पार्किंग की बेहतर व्यवस्था की गई है। मेले में राजधानी भोपाल सहित आसपास क्षेत्रों के लोग पहुंच रहे हैं।
नार्थ इस्ट की कल्चरल थीम पर बनाया गया मंच
भोजपाल महोत्सव मेले में 60 बाय 80 फीट का मंच बनाया गया है। यह नागालैंड, मणिपुर और सिक्किम राज्यों के ट्रइबल कलाकारों के रहन सहन, वेश भूषा, नृत्य गान आदि की थीम पर बनाया गया है। मंच पर जनजातीय कलाकरों के आवास (झोपड़ी) उनके पहनने वाले डे्रेस पर उकेरी जाने वाली कलाकृतियों के छबि से मंच को भव्य रूप दिया गया है। गोपाल बेतावार प्रोग्राम ऑफिसर विजुअल आर्ट साउथ सेंट्रल जोन कल्चरण सेंट्रल नागपुर ने बताया कि थर्माकॉल और फोम से मंच की साज-सज्जा की गई है। मंच पर बनाई जाने वाली ट्राइबल झोपड़ी के ऊपर आसाम में मंदिरों के गुंजब की तर्ज पर उसका शिखर बनाया गया है।
मंदिर के भीतर की कलाकृतियोंं को गेटों पर लगाया गया है। यहां के कलाकारों के वाद्य यंत्रों की कलाकृतियों का उपयोग किया गया है। सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में बेहतर खेती होने के उपलक्ष्य में उत्सव के दौरान लगाए जाने वाले तोरण मुख्य मंच के पीछे लगाया गया है। यह मंच सेंट्रल इंडिया, नार्थ, इस्ट की थीम पर बनायाा गया है। इस मंच को 8 दिनों में 20 कारीगरों की रात-दिन की मेहनत से तैयार किया गया है। यहां 17 दिसम्बर से 20 दिसम्बर तक 8 राज्यों के 16 गु्रपों के करीब 250 कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। इसमें अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर, सिक्किम, मेघालय, कालकार होंगे।