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74वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से सातवीं बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे संबोधित


इस बार प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में कुछ अहम बातें हो सकती हैं

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 74वें स्वतंत्रता दिवस पर शनिवार को लाल किले से देश को संबोधित करेंगे। यह उनका लगातार सांतवा भाषण होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसे समय में लाल किले से देश को संबोधित करेंगे, जब देश एक साथ कई मोर्चों पर कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहा है। ऐसे में इस बार प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में कुछ अहम बातों पर नजर रहेगी।

हर बार से अलग होगा इस बार का स्वतंत्रता दिवस समारोह
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार सातवीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे और प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे। लाल किले से सबसे ज्यादा बार तिरंगा फहराने के मामले में अभी वह अटल बिहारी वाजपेयी के साथ संयुक्त रूप से चौथे स्थान पर हैं। शनिवार को तिरंगा फहराने के साथ ही वह सबसे ज्यादा बार लाल किले पर तिरंगा फहराने के मामले मामले में वाजपेयी को पीछे छोड़ देंगे, लेकिन तब भी चौथे स्थान पर ही रहेंगे। पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 15 अगस्त को सबसे ज्यादा 17 बार लाल किले पर तिरंगा फहराया है। दूसरे नंबर पर इंदिरा गांधी 16 और तीसरे नंबर पर मनमोहन सिंह 10 हैं। प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले सुबह 7.06 पर राजघाट जाएंगे और महात्मा गांधी को नमन करेंगे। उसके बाद वह करीब 7 बजकर 20 मिनट पर लाल किले पर पहुंचेंगे।

स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए जिन 4000 से ज्यादा लोगों को न्योता दिया गया है, उनमें राजनयिक, अधिकारी और मीडिया के लोग भी शामिल हैं। जिन लोगों को भी न्योता भेजा गया है, उनसे मास्क पहनने की गुजारिश की गई है। कुछ जगह ऐसे बनाए गए हैं, जहां से मास्क का वितरण भी किया जाएगा। इसके अलावा पहले से तय की गईं कुछ जगहों पर हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। हर एंट्री पॉइंट्स पर मेहमानों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी।

सीटिंग अरेंजमेंट ऐसी की गई है कि दो मेहमानों के बीच कम से कम 2 गज की दूरी रहेगी। गार्ड ऑफ आनर टीम के मेंबर्स को क्वारंटीन में रखा गया है। कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षा के लिहाज से इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह में छोटे स्कूली बच्चों को नहीं बुलाया गया है। हालांकि, नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के चुनिंदा 500 कैडेट्स को न्योता भेजा गया है और उन्हें ज्ञानपथ पर बैठाया जाएगा।

स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर दिल्ली में सुरक्षा पहले से ही सख्त की जा चुकी है। जगह-जगह वाहनों की चेकिंग हो रही है। लाल किले के चप्पे-चप्पे पर नजर रखने के लिए 300 सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल हो रहा है। आस-पास की इमारतों पर स्नाइपर तैनात हैं। दिल्ली पुलिस के 45 हजार जवानों की स्पेशल ड्यूटी लगाई गई है।

इस बार हाथ मिलाकर अभिवादन नहीं होगा। दरअसल पीएम के लाल किला पहुंचने पर रक्षा मंत्री, रक्षा राज्य मंत्री और रक्षा सचिव उनकी अगुआनी करते हैं। इस दौरान सभी पीएम से हाथ भी मिलाते हैं। इसके अलावा किले की प्राचीर की तरफ जाते समय तीनों सेनाओं के प्रमुख प्रधानमंत्री को सलामी देते हैं और उनसे हाथ मिलाते हैं। हालांकि, इस बार कोरोना वायरस महामारी की वजह से ऐसा नहीं हो पाएगा।


कोविड से आगे की लड़ाई कैसे लड़ी जाएगी
भारत अभी न सिर्फ सदी की सबसे बड़ी महामारी से जूझ रहा है बल्कि आर्थिक मंदी के भी सदी के सबसे निचले स्तर पर आने की आशंका व्यक्त की जा रही है। सरकार इन दोनों मोर्चों पर आगे किस तरह बढ़ेगी, इस बारे में भी सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष दोनों मोर्चों पर हमलावर है। आरोप लग रहा है कि सरकार इन दोनों मुद्दों को कमतर आंक रही है। कई राज्य अतिरिक्त फंड मांग रहे हैं। कई उद्योग जगत मदद की मांग कर रहे हैं। 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को भी नाकाफी बताया जा रहा है। उधर भारत में कोविड से बचाव के लिए टीके का भी बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। इन तमाम सवालों पर पीएम मोदी लाल किले से लोगों को आश्वस्त करने की कोशिश कर सकते हैं।

देंगे 6 सालों के कामकाज का हिसाब
वहीं दूसरे टर्म के दूसरे स्वतत्रंता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सामने 6 सालों का रिपोर्ट कार्ड पेश कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार पीएमओ ने सभी मंत्रालयों से दूसरे टर्म में उनकी ओर से किए गए तीन अहम काम और उनसे जनता को किस तरह सीधा लाभ पहुंचा या आने वाले दिनों में उसका लाभ मिल सकता है, इसकी लिस्ट देने को कहा था। इस बार हालात को देखते हुए सरकार की ओर से किसी नये प्रॉजेक्ट के ऐलान की संभावना नहीं है। अमूमन लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री कुछ नई योजनाओं का ऐलान करते रहे हैं।

आगे का अजेंडा अब क्या
पिछले एक साल के अंदर बीजेपी और मोदी सरकार के कुछ बड़े अजेंडा पूरे हो चुके हैं। धारा 370 को हटाने से लेकर राम मंदिर के निर्माण तक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके बाद यह सवाल उठ रहा है कि आगे का अजेंडा क्या होगा। पिछली बार लाल किले से ही पीएम मोदी ने संकेत दिया था कि जनसंख्या नियंत्रण अब अगला अजेंडा हो सकता है। इस बार क्या इन मुद्दों पर पीएम मोदी कुछ आगे का संकेत देेंगे या नहीं इसका खुलासा शनिवार को हो सकता है।

पड़ोसी देशों से संबंध
वहीं लाल किले से पीएम मोदी पड़ोसी देशों से भारत के संबंधों के बारे में बात कर सकते हैं। पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते हाल में खराब रहे ही हैं, नेपाल से भी पिछले कुछ दिनों में तल्खी बढ़ी है। ऐसे में भारत पड़ोसी देशों को लाल किले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।

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