बीजापुर
हथियार छोड़ अब आम जिंदगी बसर करने के मकसद से 13 लाख के 7 इनामी नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। यह सरेंडर छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पुलिस अधिकारियों के सामने हुआ। अधिकारियों ने भी नक्सलियों का स्वागत नए कपड़े और साड़ी देकर किया। अब यह नक्सली समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे और रोजगार के मौके हासिल करेंगे। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इन नक्सलियों ने नक्सल संगठन के आदिवासियों के प्रति हिंसात्मक रवैये और खराब जीवन शैली से तंग आकर माओवाद का रास्ता छोड़ने की ठानी।
रामजी उर्फ बिच्चेम, ग्राम कोत्तागुड़ेम का रहने वाला यह नक्सली 3 लाख का इनामी है। 2013 में गाजीमुड़ा पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल था। लखमु मोडि़याम कोकरा गायतापारा का रहने वाला है। इस पर 3 लाख का इनाम था। साल 2006 से 2007 के बीच कई बार पुलिस पर फायरिंग की घटनाओं में शामिल रहा। लक्खू तेलाम हल्लूर हल्लेरपारा गांव का रहने वाला है। इस पर सरकार ने 2 लाख का इनाम घोषित किया था। कई बार इसने जंगल में पुलिस पर फायरिंग की। यह आम लोगों से भी मारपीट की घटना में शामिल था।
संगीता मोडि़यामी महिला नक्सली के रुप में काम करती रही। बीजापुर की ही रहने वाली इस महिला नक्सली पर सरकार ने 2 लाख का इनाम घोषित किया था। इसकी साथी रंजीता ओयाम तालाबपारा की रहने वाली है। सरकार ने इसपर 1 लाख का इनाम रखा था। इसने मोतीपानी के जंगल में पुलिस पर फायरिंग की थी। राजकुमारी यादव पर 1 लाख का इनाम था। साल 2013 में यह नक्सली बनी। महज 24 साल का हुंगा पोडि़यामी भी सरेंडर करने वालों में शामिल था। इस पर 1 लाख का इनाम था, यह गांव के बाजार और मेलों में आम लोगों और सरपंच की हत्या कर चुका है।