नई दिल्ली
पूर्व भारतीय बल्लेबाज दिनेश मोंगिया ने 17 सितंबर 2019 क्रिकेट के सभी प्रारुपों से संन्यास ले लिया हैं। 2001 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी ने भारत के लिए अपना आखिरी मैच 12 मई 2007 को बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। उन्होंने आखिरी इंटरनेशनल मैच खेलने के तकरीबन 12 साल बाद क्रिकेट के सभी प्रारुपों को अलविदा कह दिया है। मोंगिया के क्रिकेट करियर पर उसी समय विराम लग गया था, जब उन्होंने बोर्ड द्वारा बैन आईसीएल लीग में हिस्सा लिया था।
दिनेश मोंगिया को इसलिए भी याद किया जाता है कि उन्हें दक्षिण अफ्रीका में हुए 2003 के विश्व कप में वीवीएस लक्ष्मण की जगह टीम में चुना गया था। फाइनल में हारने के बाद टीम इंडिया रनर अप रही थी। पंजाब के मोंगिया ने 1995-96 में घरेलू क्रिकेट में डेब्यू किया था। बाए हाथ के इस बल्लेबाज ने इंग्लिश काउंटी में अपनी स्पिन का भी शानदार प्रदर्शन किया था।
2004 में लंकाशर ने उन्हें स्टुअर्ट लॉ की जगह अनुबंधित किया था। वह लैशिंग 11 की तरफ से भी खेले। मोंगिया ने 121 एफसी मैचों में 8028 रन बनाए। उनका औसत 48.95 का रहा। उनका अधिकत स्कोर 308 नाबाद रहा। उन्होंने 27 शतक और 28 अर्द्धशतक लगाए।
उन्होंने लिस्ट ए के 198 मैचों में 10 शतकों और 26 अर्द्धशतकों के साथ 5535 रन बनाए। 2001 में पुणे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने डेब्यू किया। जिंबाब्वे के खिलाफ उन्होंने 147 गेंदों पर नाबाद 159 रनों की पारी खेली।
2003 के वर्ल्ड कप में, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के खिलाफ उनकी तकनीकी खामियां उजागर हो गई। 2005 में उन्हें ड्रॉप कर दिया गया। 2007 में उन्होंने अपना आखिरी मैच बांग्लादेश के खिलाफ खेला। 2006 में उऩ्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकमात्र टी-20 खेला। उन्होंने 57 वनडे में 1230 रन एक अर्द्धशतक के साथ बनाए।
एकमात्र खेले टी-20 में उन्होंने 38 रन बनाए। उनका रिश्ता इंडियन क्रिकेट लीग (ICL) से भी रहा। बाद में वह पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन चयनकर्ता बन गए। बीसीसीआई अब उन्हें कोचिंग अनुबंध देने के विषय में सोच रहा है।