मध्य प्रदेश

41 फीसदी विधायक एमपी विधानसभा में दागी

भोपाल
प्रह्लाद लोधी केस के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति इन दिनों 'मेरी कमीज़ तेरी कमीज़ से ज़्यादा साफ' की लड़ाई में उलझी हुई है. कांग्रेस और बीजेपी नेता एक-दूसरे की कमीज़ पर लगे दाग ढूंढ़ रहे हैं. जबकि चुनाव आयोग का आंकड़ा बता रहा है कि दागी तो सभी दलों में हैं. इस विधानसभा में कुल 41 फीसदी विधायकों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हैं.

प्रह्लाद लोधी के बहाने बयानबाज़ी
पवई से चुनाव जीते बीजेपी विधायक प्रह्लाद लोधी को भले ही हाईकोर्ट से फौरी राहत मिल गई हो लेकिन बीजेपी और कांग्रेस में एक दूसरे को सबसे बड़ी आपराधिक पार्टी बताने की होड़ तेज हो गई है. 2014 में तहसीलदार से मारपीट के मामले में भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें दो साल की सज़ा सुनायी थी. उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता शून्य कर दी. भोपाल कोर्ट के फैसले के खिलाफ लोधी हाईकोर्ट गए और वहां से उन्हें फौरी तौर पर राहत मिल गयी. जबलपुर हाईकोर्ट ने 7 जनवरी 2020 तक उनकी सज़ा पर रोक लगा दी. इस दिन केस की अगली सुनवाई होगी.

राजनीति में भूचाल
प्रह्लाद लोधी के केस ने एमपी की राजनीति में भूचाल सा ला दिया है. बीजेपी तो अब अपने विधायकों का रिकॉर्ड खंगाल रही है. नई बहस इस बात को लेकर छिड़ गई है कि सबसे ज्यादा अपराधियों को पनाह देने वाली पार्टी कौन सी है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बीजेपी विधायकों को पत्र लिख उन पर दर्ज आपराधिक प्रकरणों का ब्यौरा मांगा है. नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों पर लंबित आपराधिक प्रकरणों पर दर्ज एफआईआर की कॉपी सहित मामले की पैरवी करने वाले की भी जानकारी मांगी है. प्रह्लाद लोधी केस में कांग्रेस नेताओं के बयान के बाद पार्टी अलर्ट मोड पर है.

कांग्रेस की तोहमत
कांग्रेस ने बीजेपी को अपराधियों की पार्टी करार दे दिया है. संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि बीजेपी तो दागी नेताओं की देखरेख में लगी है. इस तरह के आरोपों से बीजेपी नेता भड़क उठे हैं. बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने कहा कि बीते 5 दिनों में कमलनाथ सरकार के मंत्रियों के रिश्तेदारों की दबंगई और फिर दर्ज मामलों के बाद साफ है कि उनकी पार्टी में कितने अपराधी हैं.

ये है हकीकत
बीजेपी और कांग्रेस भले ही एक दूसरे को अपराधियों की भरमार वाली पार्टी बता रहे हों, लेकिन हकीकत सामने है. चुनाव आयोग में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक विधानसभा में इस बार जीत कर पहुंचे 94 विधायकों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं. यानि इस विधानसभा में 41 फीसदी सदस्य दागी हैं.

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