कारखाने में पहुंचे कर्मचारियों ने लगाया अव्यवस्था का आरोप
भेल. बीएचईएल भोपाल में बुधवार से नियमित रूप से उत्पादन कार्य शुरू हो गया। भेल भोपाल की स्थापना के बाद यह पहला मौका है,जब लगातार 40 दिन तक कारखाना बंद रहा हो। बता दें कि देश भर में फैले कोरोना वायरस के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन के चलते प्रबंधन ने केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के बाद 22 मार्च से कारखाने में उत्पादन कार्य पर रोक लगा दी थी। जिला प्रशासन से सशर्त अनुमति के बाद बुधवार को कारखाने में कर्मचारियों का आना शुरू हुआ।
पहली पाली में कर्मचारियों को गेटों पर पर्चा भरकर उन्हें सैनिटाइज करने के बाद प्रवेश दिलाया गया। पर्ची में कर्मचारियों के घर का पता सहित वे किस ब्लॉक में जाएंगे, संबंधित जानकारी लिखी गई है। कारखाने में तीन पालियों में काम शुरू हुआ। पहली पाली सुबह 7.45 बजे से दूसरी पाली 12.45 से 5.30 एवं तीसरी पाली 6. 30 से रात्रि 11.15 बजे तक चलेगी। अभी भोपाल बंद के दौरान भेल उपनगरी में रहने वाले कर्मचारियों को ही प्रवेश दिया जा रहा है।
भेल प्रबंधन ने अभी जरूरी ब्लाकों में ही कर्मचारियों को कार्य पर बुलाया है। लगभग 40 दिन से प्लांट के अंदर बंद मशीनों को बुधवार सुबह पुन: चालू किया गया। भेल प्रबंधन और ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों के बीच चर्चा के बाद कारखाना खोलने की सममति बनी। कारखाने में तीन पाली में कार्य शुरू हुआ, इसमें 25 फीसदी से अधिक कर्मचारियों को अनुमति नहीं दी गई।
कर्मचारियों के लिए स्वर्ण जयंती और जुबली गेट आवागमन के लिए बंद रहेंगे। सिर्फ तीन गेट 5, 6, 8 से ही कर्मचारी आ-जा सकेंगे। चार पहिया वाहनों को भी 6 नंबर गेट से ही एंट्री दी जा रही है। यहां वाहनों को कीटाणुशोधन करने के लिए चैम्बर बनाए गए हैं। दो पहिया वाहनों को गेट के बाहर की सैनिटाइज किया गया। वर्तमान में टाउनशिप में 1440 परमानेंट और 1300 ठेका श्रमिक रहते हैं। बुधवार सुबह करीब 650 कर्मचारियों को कारखाने में प्रवेश दिलाया गया।
स्क्रीनिंग नहीं करने और मास्क उपलब्ध न कराने आ आरोप
भेल कारखाने के गेटों से प्रवेश करते समय कर्मचारियों की स्क्रीनिंग नहीं करने और ब्लाक में मास्क नहीं दिए जाने का आरोप कर्मचारियों ने लगाया। कर्मचारियों का कहना है कि प्लांट के अंदर बनी टंकी में 40 दिन पुराना पानी ही भरा है, जिसके उपयोग करने पर कोई खतरा बढ़ सकता है। ब्लाक में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था नहीं करने का भी आरोप लगाया गया।
पहला दिन होने से कुछ कमियां भी सामने आईं
ऐबु के रामनारायण गिरी ने बताया कि कारखाने को भेल टाउनशिप में रह रहे कर्मचारियों के साथ कार्य करने के लिए खोला गया। प्रबंधन द्वारा गेटों पर थर्मल स्केनिंग एवं सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की गई थी। पहला दिन होने के कारण कुछ अव्यवस्थाएं थीं। कुछ कर्मचारियों द्वारा स्केनिंग नहीं होने एवं सैनिटाइजेशन नहीं होने, विभागों में पानी, बाथरूम टॉयलेट की साफ-सफाई की उचित व्यवस्था, मास्क की उपलब्धता नहीं होने आदि की शिकायत की है। इसे भेल प्रबंधन को अवगत करा दिया गया है।
प्रबंधन से समस्या के निराकरण एवं कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई है। इस पर प्रबंधन का कहना है कि सभी व्यवस्थाएं कराई गई हैं। कहीं कुछ अव्यवस्थाएं दिखती हैं तो उसमें सुधार किया जा रहा है। कल से सुव्यवस्थित तरीके से सभी गेट पर प्रवेश कराया जाएगा एवं सभी विभागों में पानी एवं साफ-सफाई की उचित व्यवस्था की जाएगी।
सभी गेटों पर स्क्रीनिंग की गई। वे भी इस प्रक्रिया से कारखाने में आए हैं। कर्मचारियों द्वारा स्क्रीनिंग न करना और मास्क न देने का आरोप सही नहीं है।
राघवेन्द्र शुक्ला, सीनियर पीआरओ भेल