नई दिल्ली
संजू सैमसन को अपने करियर में कई बार निराशा का सामना करना पड़ा और अब उन्हें इन उतार चढ़ाव से कोई परेशानी नहीं होती है। चार साल के अंतराल बाद भारतीय टीम में वापसी करने वाला यह खिलाड़ी ‘परफेक्ट बल्लेबाज’ बनने की कोशिश भी नहीं करता। सैमसन ने भारत के लिए एकमात्र मैच जुलाई 2015 में टी20 के रूप में खेला था जब कम अनुभवी टीम ने जिम्बाब्वे का दौरा किया था। तब वह 19 साल के थे। इसके बाद से विकेटकीपर बल्लेबाज के लिए सफर उतार चढ़ावों भरा रहा है जिन्हें अनुशासनहीनता के आधार पर केरल टीम से भी बाहर कर दिया गया था। वह निरंतर अच्छा प्रदर्शन भी नहीं कर सके और इस बीच उनकी फिटनेस भी अच्छी नहीं रही। इस दौरान उन्होंने बेहतरीन पारियां भी खेलीं। इसी तरह की एक पारी इस महीने में विजय हजारे ट्रोफी में सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत स्कोर से रही, जिसमें उन्होंने नाबाद 212 रन बनाए।
कई बार हुआ हूं विफल, कमबैक करना जानता हूं
सैमसन अब 24 साल के हैं और उन्होंने गुरुवार को कहा, ‘आपने सही कहा कि यह मेरे लिए उतार-चढ़ाव भरा सफर रहा। अगर आपका करियर सुरक्षित और आसान राह वाला रहता है तो आप बहुत कम चीजें सीखते हो। मैंने पिछले चार से पांच वर्षों में काफी चीजें सीखी हैं अगर आप काफी बार विफल होते हो तो आप जानते हो कि कैसे फिर से वापसी की जाए और कैसे सफल हुआ जाए। मैं अपनी जिंदगी में काफी बार विफल हुआ हूं इसलिए मैं जानता हूं कि कैसे उठकर अच्छा प्रदर्शन किया जाए। यह मेरे लिए फायदे की चीज रही।’ महान क्रिकेटर राहुल द्रविड़ सहित कई ने सैमसन की तारीफ की, लेकिन प्रदर्शन में निरंतरता की कमी उनके खिलाफ जाती रही। दिनेश कार्तिक की वापसी के बाद ऋषभ पंत के आने से वह पिछले दो वर्षों में भारत की सीमित ओवरों की टीम से बाहर रहे। कोहली को बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज से बाहर रखा गया है, जिससे सैमसन के विशेषज्ञ बल्लेबाज के तौर पर खेलने की उम्मीद है जिसमें पंत विकेटकीपिंग करेंगे।
मुझे किसी बात का पछतावा नहीं है
पहले सैमसन का खुद से काफी ऊंची उम्मीदें रहती थीं लेकिन अब ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मुझे कोई पछतावा नहीं है। जैसा कि मैंने कहा कि मैं काफी उतार चढ़ाव से गुजरा हूं। मुझे खुद से काफी ज्यादा उम्मीदें रहती थी कि मुझे बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए था। लेकिन अब मैं समझ गया हूं कि हर चीज का अपना समय होता है और आपको अपनी बारी का संयम से इंतजार करना होता है।’