भोपाल
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि प्रदेश में 32 लाख 21 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को स्व-सहायता समूहों के माध्यम से स्व-रोजगार गतिविधियों से जोड़ा गया है। इनमें साढ़े 9 लाख महिलाऐं कृषि आधारित गतिविधियों में संलग्न है।
मंत्री पटेल ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत निर्धन परिवार की महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक उत्थान का कार्य किया जा रहा है। इन महिलाओं को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से रोजगार गतिविधियों से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि ग्राम की महिलाओं के स्व-सहायता समूह के रूप में गठित कर उनकी रूचि के अनुसार रोजगार मूलक गतिविधियों का प्रशिक्षण तथा बैंकों के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को मार्केट मुहैया कराने का कार्य भी मिशन के तहत किया जा रहा है। इसके तहत भोपाल और संभाग स्तर पर आयोजित हाट-बाजारों में शिल्प मेलों के आयोजन का क्रम लगातार जारी है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मुख्य कार्यपालन अधिकारी मती शिल्पा गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में जनवरी 2020 के अंत तक ग्रामीण अंचल में 2 लाख 84 हजार स्व-सहायता समूहों का गठन कर 32 लाख 21 हजार महिलाओं को सदस्य बनाया गया है। इन समूहों में 9.50 लाख परिवार कृषि आधारित गतिविधियों में, 2 लाख 39 हजार परिवार पशुपालन एवं डेरी विकास गतिविधियों में, शेष 3 लाख 51 हजार परिवार गैर कृषि आधारित गतिविधियों से तथा अन्य परिवारों को साबुन, अगरबत्ती, मसाले, सैनेटरी नैपकिन, स्वच्छता सामग्री, खाद्य सामग्री, गैर वानिकी उत्पादों का मूल्य संर्वधन का काम स्व-सहायता समूह सदस्य के रूप में इन परिवारों द्वारा किया जा रहा है।