रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सल (Naxal) हिंसा से जुड़ी घटनाओं के आंकड़े लोकसभा (Lok Sabha) के बजट सत्र में पेश किए गए हैं. बस्तर (Bastar) सांसद दीपक बैज (Deepak Baij) के एक सवाल के जवाब में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने नक्सल समस्या के लिए जारी राशि का ब्योरा दिया है. इसमें पिछले तीन सालों में नक्सल हिंसा से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को 706 करोड़ 78 लाख रुपये देने का दावा किया है. यह राशि अलग अलग योजनाओं के तहत वित्तिय वर्ष 2017-18 से सत्र 2019-20 के बीच जारी की गई है.
लोकसभा में पेश एक अन्य सवाल के जवाब में नक्सल हिंसा की वारदातों और उसमें हुई जनहानी के आंकड़े भी पेश किए गए हैं. इसके तहत छत्तीसगढ़ में तीन सालों में 1 हजार 28 नक्सल वारदातों हुईं. इनमें 284 नक्सली मारे जाने का दावा किया गया है. जबकि इन सालों में 137 जवानों की शहादत हुई है. इतना ही नहीं 223 आम नागरिकों को भी इन नक्सल वारदातों में अपनी जान गंवानी पड़ी है. बसस्तर सांसद दीपक बैज के सवाल के जवाब में बताया गया है कि सत्र 2014-15 से सत्र 2016-17 के बीच नक्सल समस्यायों से निपटने के लिए राज्य सरकार को 224.63 करोड़ रुपये जारी किए गए थे.
लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में नक्सल हिंसा की घटनाएं पिछले तीन सालों की तुलना में कम हुई है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में कुल 373 नक्सल वारदातें हुईं. इनमें 70 आम नागरिकों की जान गई. सुरक्षा बलों के 60 जवान शहीद हुए. जबकि 80 नक्सलियों को मारे व 796 को गिरफ्तार करने का दावा किया जा रहा है. साल 2018 में कुल 392 नक्सल वारदातें हुईं. इनमें 98 आम नागरिकों की जान गई. सुरक्षा बलों के 55 जवान शहीद हुए. जबकि 125 नक्सलियों को मारे व 931 को गिरफ्तार करने का दावा किया जा रहा है. जबकि बीते साल 2019 में कुल 263 नक्सल वारदातें हुईं. इनमें 55 आम नागरिकों की जान गई. सुरक्षा बलों के 22 जवान शहीद हुए. जबकि 79 नक्सलियों को मारे व 367 को गिरफ्तार करने का दावा किया जा रहा है.