नई दिल्ली
Facebook एक बार यूजर की प्राइवेसी को लेकर सवालों के घेरे में है. सिक्योरिटी रिसर्चर Bob Diachenko ने एक डेटाबेस ढूंढा है जहां 267 मिलियन फेसबुक यूजर्स का डेटा रखा है. गंभीर समस्या ये है कि जिस सर्वर में डेटा रखा गया है वो सिक्योर नहीं है और न ही पासवर्ड प्रोटेक्टेड है.
रिपोर्ट के मुताबिक 267 मिलियन यूजर्स की आईडी, फोन नंबर्स और नाम ऑनलाइन पब्लिक हो गए हैं. ये डेटाबेस इतना कमजोर है कि इसे बिना पासवर्ड और ऑथेन्टिकेशन के ऐक्सेस किया जा सकता था. रिसर्चर का मानना है कि फेसबुक का ये डेटा अवैध स्क्रैपिंग ऑपरेशन या फेसबुक API का गलत यूज करके कलेक्ट किया गया है.
अमेरिकी टेक वेबसाइट Engadget से फेसबुक ने कहा है, 'हम इस मामले को देख रहे हैं, लेकिन हम ऐसा मानते हैं कि ये डेटा पिछले कुछ सालों से पहले का है, क्योंकि हमने हाल ही में यूजर्स की इनफॉर्मेशन प्रोटेक्ट करने के लिए बदलाव किए हैं'
अगर फेसबुक की ये दलील सही है तो भी इस डेटा लीक से एक आम यूजर की प्राइवेसी पर बड़ा खतरा आ सकता है. इस डेटाबेस का पता करने वाले रिसर्चर Bob Diachenko ने कहा है कि ये डेटाबेस के बारे में उस सर्विस प्रोवाइडर को रिपोर्ट किया था जो इस सर्वर की आईपी अड्रेस मैनेज करती है. लेकिन डेटाबेस दो हफ्ते पहले पब्लिक हुआ था.
रिसर्चर का कहना है कि फेसबुक का यूजर डेटा हैकर फोरम में एक जगह पर डाउनलोड लिंक के साथ अपलोड किया गया है. इन फेसबुक डेटा का गलत इस्तेमाल किया गया है या नहीं ये फिलहाल साफ नहीं है. आम तौर पर इस तरह के डेटा लीक के बाद हैकर्स डार्क वेब से डेटा कलेक्ट करते हैं. इसके बाद यूजर के अकाउंट में ऐक्सेस करके उनका नुकसान किया जा सकता है.