पटना
खान एवं भूतत्व विभाग ने राज्यभर में बुधवार से निर्माण कार्य विभागों से जुड़े ठेकदारों पर एक साथ छापेमारी शुरू कर दी। पहले ही दिन देर शाम तक 22 जिलों में विभिन्न स्थानों पर चल रहे निर्माण कार्य में कई अनियमितताएं पकड़ी गईं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कई जगह बड़ी पैमाने पर ठेकेदारों द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध खनन, बालू-गिट्टी आदि लघु खनिज के अवैध भंडारण का पता लगाया गया है। छापेमारी के लिए कई वरीय अफसरों की टीम गठित उन्हें जिलों में भेजा गया था। दर्जनों ठेकेदारों के कार्य स्थल की औचक जांच की जा रही है।
खबर लिखने तक संवेदकों पर सात करोड़ नौ लाख रुपए से अधिक का जुर्माना लगाए जाने की जानकारी मिली है। विभागीय टीम ने इन संवेदकों पर अवैध भंडारण, उनके उस्तेमाल व अवैध खनन के मामले में पूछताछ की और जुर्माना से संबंधित मांग पत्र सौंपा। इन ठेकेदारों को राशि चुकाने के लिए तीन दिनों का समय दिया गया है। लघु खनिज के उपयोग का पूरा ब्यौरा व उनका स्वामित्व शुल्क भी लिया जाएगा। जांच सीधे कार्य स्थल पर होगी और चालान नहीं रहने पर लघु खनिज को जब्त कर लिया जाएगा।
विभाग ने विभिन्न कार्य विभागों से बकाया रायल्टी की वसूली के लिए खान विभाग ने भी अभियान छेड़ दिया है। विभाग ने इन विभागों की चल रही योजनाओं की जांच शुरू की है। रायल्टी के लिए यह देखा जा रहा है कि किस विभाग ने कितना लघु खनिज, बालू-गिट्टी, मोरम-मिट्टी आदि की खरीद की है। उनका सेस व रायल्टी चुकाया है या नहीं। योजनाओं में कुल लघु खनिज की खरीद का आकलन किया जा रहा है। रायल्टी के आलावा खनिज सेस भी वसूला जाएगा। जांच के बाद रायल्टी के लिए मांग पत्र भी दिया जा रहा है।
खान विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में दो हजार करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य रखा है। इसमें मात्र 950 करोड़ रुपए की वसूली 10 फरवरी तक हो सकी थी। शेष राशि की वसूली के लिए अभियान छेड़ दिया गया है। खरीद के अनुरूप रायल्टी जमा नहीं करने पर भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा।