स्थानीय भाषा की समझ रखने वाले इंजिनियरिंग कैंडिडेट्स के लिए अच्छी खबर है। अब जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई मेन) जनवरी 2021 से 11 क्षेत्रीय भाषाओं में दिया जा सकेगा। यह टेस्ट अभी तक इंग्लिश, हिंदी और गुजराती भाषा में होता रहा है।
एमएचआरडी ने नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को निर्देश दिया है कि वे कम से कम 11 भाषाओं में टेस्ट कराने की तैयारी करें। इन भाषाओं में असमी, बंगाली, इंग्लिश, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मराठी, उड़िया, तमिल, तेलुगू और उर्दू शामिल हैं।
बता दें, जेईई (मेन) एक नैशनल लेवल का कॉम्पिटिटिव टेस्ट है जिसके जरिए अलग-अलग इंजिनियरिंग और आर्किटेक्चर के अंडरग्रैजुएट कोर्सेस में ऐडमिशन होता है। इनमें मुख्य तौर पर नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी और सरकार द्वारा वित्त पोषित दूसरे टेक्निकल इंस्टिट्यूट्स शामिल हैं। यह टेस्ट जेईई (अडवांस्ड) के लिए एलिजबिलिटी टेस्ट भी है।
ममता बनर्जी ने की थी मांग
इससे पहले इस कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट को सीबीएसई कंडक्ट कराता था। हाल ही में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने दूसरी भाषाओं में टेस्ट की मांग की थी। एनटीए ने साफ किया था कि गुजरात से रिक्वेस्ट आई थी जिसके बाद गुजराती भाषा में टेस्ट ऑफर किया जाने लगा।
एमएचआरडी के एक सीनियर ऑफिशल ने बताया कि इसके बाद बंगाल के हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने एनटीए को लेटर लिखकर जेईई (मेन) 2020 क्वेस्चन पेपर को बंगाली में उपलब्ध कराने के लिए कहा। अब 2021 से टेस्ट 11 भाषाओं में प्रस्तुत किया जाएगा।
दूसरी प्रतियोगी परीक्षाएं भी ज्यादा से ज्यादा भाषाओं में
मंत्रालय का कहना है कि इससे स्टूडेंट्स को इंग्लिश या हिंदी मीडियम में शिफ्ट होने के बजाय अपनी मातृभाषा में स्कूलिंग जारी रखने में मदद मिलेगी। एमएचआरडी से जुड़े सूत्रों की मानें तो एनटीए से दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं को भी ज्यादा से ज्यादा भाषाओं में कराने के बारे पूछा गया है।