नई दिल्ली
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के लिए 2020 का साल बहुत महत्वपूर्ण है। इसरो ने अगले साल के लिए अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में कई बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2020 में दर्जनों सैटलाइट मिशन लॉन्च करने के साथ ही अंतरग्रहीय मिशन आदित्य के साथ ही मिशन गगनयान के लिए टेस्ट फ्लाइट लॉन्च करेंगे। मिशन गगनयान के लिए टेस्ट फ्लाइट का फिलहाल नाम तय नहीं किया गया है।
इसरो चीफ ने बताई अगले साल की योजना इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने इसकी पुष्टि की। इसरो चेयरमैन ने कहा, 'अगले साल के लिए हमारा लक्ष्य 10 सैटलाइट मिशन लॉन्च करने का है। इनमें अडवांस्ड कम्युनिकेशन सैटलाइट जीसैट1 और जीसैट12R और पृथ्वी का निरीक्षण करनेवाले रीसैट 2BR2 और सर्विलांस के लिए माइक्रोसैट शामिल हैं। इसके साथ ही आदित्य L1 मिशन को मध्य 2020 तक लॉन्च करने की योजना है और मिशन गगनयान के लिए पहले टेस्ट फ्लाइट को दिसंबर में लॉन्च किया जाएगा। अभी इस टेस्ट फ्लाइट का नाम तय नहीं हुआ है।'
आदित्य L1 मिशन देश का पहला सोलर मिशन
इसरो की नजर अब सूर्य तक है और आदित्य L1 मिशन देश का पहला सोलर मिशन होगा। इसरो चीफ ने इसकी पुष्टि की। इसरो प्रमुख ने कहा, 'एक पीएसएलवी का प्रयोग स्पेसक्राफ्ट का भार वहन करने के लिए होगा। इस पर काम अभी जारी है।' इसरो चीफ ने इस मिशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया, '400 किग्रा. के क्लास सैटलाइट में छह वैज्ञानिक पेलोड्स भी होंगे। इन 6 पेलोड्स का काम होगा ऑर्बिट के दायरे में आनेवाले प्रभावी क्षेत्र के शुरुआती पॉइंट 1 (L1) तक पहुंचना। यह आर्बिट पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी. की दूरी पर है। इसका फायदा होगा कि बिना किसी बाधा के सूर्य को लगातार देखा जा सकेगा।'
साल के शुरुआत में 2 महत्वपूर्ण प्रॉजेक्ट लॉन्च
इसरो के दो अन्य मिशनों की जानकारी देते हुए सिवन ने कहा, 'रीयूजेबल लॉन्च वीइकल (आरएलवी) का टेस्ट फ्लाइट लॉन्च और नए विकसित छोटे सैटलाइट (SSLV और mini-PSLV) को अगले साल के शुरुआत में लॉन्च करने की योजना है। आरएलवी तकनीक का प्रयोग किफायत के लिहाज से महत्वपूर्ण है। आरएलवी तकनीक के जरिए स्पेस एजेंसी फर्स्ट और सेकेंड स्टेड पर रॉकेट को रीयूज कर सकती है। कॉस्ट कटिंग के लिहाज से यह महत्वपूर्ण है। साथ ही यह भारी पेलोड्स को वहन करने में भी सक्षम है।'