पटना
एक के बाद एक झारखंड (Jharkhand) के कई नेताओं के आरजेडी (RJD) छोड़कर चले जाने के बाद कार्यकर्ताओं में छाई निराशा शुक्रवार उस वक्त कम होते दिखी जब आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) शुक्रवार को रांची पहुंचे. बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर तेजस्वी यादव का स्वागत ढोल नगाड़े से हुआ. पार्टी कार्यालय पहुंचने पर तेजस्वी यादव ने सदस्यता अभियान की संक्षिप्त समीक्षा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर झारखंड, बिहार और केंद्र की सरकार पर निशाना साधा.
2014 की भूल को नहीं दोहराने की बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि विपक्ष के बिखराव के कारण ही पिछली बार झारखंड में बीजेपी की सरकार बन गई थी. झारखंड में महागठबंधन बनाकर बीजेपी को सत्ता से बाहर करेंगे.
आरजेडी नेता ने कहा कि झारखंड में संसाधनों की लूट हो रही है. अपराध बढ़ा है. तेजस्वी ने आर्थिक मंदी और आरबीआई की संचित निधि को निकालने का हवाला देकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मंदी 70 साल में नहीं आई थी, वह 70 महीनों में आ गई. बैंकों की स्थिति ठीक नहीं है और आरबीआई से जो बड़ी राशि मिली है वह भी सुरक्षित है या नहीं यह कहा नहीं जा सकता.
लोकसभा चुनाव में आरजेडी की करारी हार और बिहार-झारखंड में जीरो पर बोल्ड हो जाने के बाद बीजेपी को हराने का दम किस आधार पर भर रहे हैं, इस सवाल के जवाब में तेजस्वी ने कहा कि हार-जीत लगी रहती है और हर कोई कभी जीतता है तो कभी हारता है पर आरजेडी अपनी नीति और सिद्धांत पर अडिग है.
तेजस्वी ने बिहार में महागठबंधन में नेता को लेकर उठे घमासान और हम तथा कांग्रेस नेताओं के बयानबाजी के सवाल पर उल्टा सवाल मीडिया से ही पूछ दिया कि क्या बीजेपी नीतीश कुमार को अगले चुनाव में चेहरा मानने को तैयार है.
कोनार सिंचाई परियोजना के नहर टूट जाने को भ्रष्टाचार बताते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि परफॉर्मेंस दिखाने के लिए आनन-फानन में उद्घाटन किया गया और कम से कम इसकी जांच तो होनी ही चाहिए. वहीं झारखंड में कितने सीटों पर दावेदारी के सवाल में तेजस्वी यादव ने कहा कि अभी वह झारखंड में महागठबंधन के नेताओं से खुद बात करेंगे फिर भी 10 से 12 सीटों पर आरजेडी का दावा है और कहा कि राज्य में आदिवासी सीएम का चेहरा होगा.