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 20 सितंबर को काउंसिल की बैठक, कारों पर GST दर में कटौती के विरोध में कई राज्य

 
नई दिल्ली 

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक 20 सितंबर को गोवा में होने जा रही है. यह काउंसिल की 37वीं बैठक होगी. ऑटो इंडस्ट्री कारों पर लगने वाले 28 फीसदी जीएसटी को घटाकर 18 फीसदी करने की मांग कर रही है जिस पर इस बैठक में विचार किया जाना है. हालांकि, कई राज्य सरकारें ही इस पर सहमत नहीं दिख रही हैं.

दिलचस्प बात यह है कि ऑटो के लिए जीएसटी दर में कमी का विरोध तमिलनाडु और गुजरात जैसे बड़े ऑटो हब वाले राज्यों से नहीं हो रहा है, बल्कि केरल, यूपी और अन्य राज्यों से हो रहा है. जीएसटी की फिटमेंट कमेटी पहले से ही ऑटो सेक्टर के लिए जीएसटी रेट कटौती पर विचार कर रही है, लेकिन काउंसिल के सदस्य कई राज्यों के वित्त मंत्री इसके खिलाफ हैं. रेट घटने से राज्यों को राजस्व का भारी नुकसान होगा.

उम्मीद से कम GST कलेक्शन

फिटमेंट समिति के मुताबिक, दर में कमी से कर संग्रह में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमी आएगी. अगस्त, 2019 में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 98,202 करोड़ रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 93,960 करोड़ की तुलना में 4.51% अधिक था. यह जीएसटी संग्रह स्तर हालांकि साल-दर-साल आधार पर अधिक था, फिर भी सरकार की उम्मीद के मुताबिक एक लाख करोड़ रुपये से कम था.

इससे पहले वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को एसीएमए के वार्षिक सम्मेलन में कहा था कि सरकार को जीएसटी दर 28 फीसदी से घटाकर 18 प्रतिशत करने के संबंध में विभिन्न घटकों से कई आग्रह प्राप्त हुए हैं, जिसमें ऑटोमोबाइल डीलर, ओईएम और कार विनिर्माता शामिल हैं.

उद्योग की मांग है कि खपत की मंदी समाप्त करने के लिए जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत किया जाए. मंत्री ने ऑटो उद्योग से जुड़े लोगों से कहा कि वे राज्य के वित्त मंत्रियों से भी संपर्क करें और जीएसटी में बदलाव सिर्फ जीएसटी परिषद द्वारा ही किया जा सकता है.

उन्होंने कहा था, 'जीएसटी में कोई भी दर कटौती पहले जीएसटी फिटमेंट कमेटी मंजूर करेगी और उसके बाद जीएसटी परिषद. मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि राज्य के वित्त मंत्रियों से भी संपर्क करें, जो कि जीएसटी परिषद के सदस्य हैं. हम जीएसटी परिषद में इस मुद्दे को ले जाने के लिए तैयार हैं.'

खस्ता हाल में ऑटो इंडस्ट्री

बता दें कि ऑटो इंडस्ट्री की हालत बेहद खस्ता है. पिछले करीब एक साल से इस सेक्टर की बिक्री में गिरावट देखी जा रही है. इसलिए इस इंडस्ट्री से जुड़े लोग जीएसटी रेट में कटौती के लिए तगड़ी लॉबिंग कर रहे हैं.

एक ऑटो कंपनी ने शीर्ष अधि‍कारी ने कहा, 'ग्राहक हमसे कीमतों में कटौती की उम्मीद करता है, जबकि ऑटो निर्माता ऐसा करने की स्थिति में नहीं हैं. इसीलिए सरकार को जल्द से जल्द स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए. अगर टैक्स में कटौती नहीं हो रही है तो ऑटो इंडस्ट्री को उपभोक्ता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए दूसरे रास्ते तलाशने होंगे.' 

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