रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कुछ ही दिनों में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव (Urban Body Election) को लेकर सियासत तेज हो गई है. सूबे की प्रमुख पार्टियों में प्रत्याशियों के खींचतान के बाद भी घमासान मचा हुआ है. तो वहीं नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस (Congress) की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. निकाय चुनाव में टिकट वितरण में धरना-प्रदर्शन, हल्ला-हंगामा और सिर फुटौव्वल के बाद अब बागी और रूठे हुए कार्यकर्ता पार्टी की मुश्किल बने हुए हैं. टिकट कटने से नाराज कार्यकर्ताओं से पार्टी ने अब जवाब तलब किया है. साथ ही पार्टी ने कार्यकर्ताओं को एक बड़ी चेतावनी (Warning) भी दे दी है.
कांग्रेस पार्टी ने बागी कार्यकर्ताओं को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया है. इस मसले पर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि पार्टी ने ऐसे करीब दो हजार बागी और रूठे कार्यकर्ताओं को जिला स्तर पर नोटिस जारी कर दिया है.सभी से दो दिनों में जवाब मांगा गया है. उन्होंने कहा कि नोटिस में साफतौर पर लिखा है कि जल्द से जल्द पार्टी के द्वारा घोषित उम्मीदवार के समर्थन में कांग्रेस के लिए कार्य करें. नहीं तो उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया जाएगा.
छत्तीसगढ़ में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर और अध्यक्ष चुने जाने का दवाब इस बात से समझा जा सकता है कि चाहे कांग्रेस हो या फिर बीजेपी, दोनों ही दलों ने अपनी-अपनी ओर से आधा दर्जन महापौर प्रत्याशियों को पार्षद चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है. ऐसे में बात जब वर्तमान महापौर और कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद दुबे की हो तो मामला हाईप्रोफाइल होगा हो जाता है. आपको बता दें कि जिस वार्ड से प्रमोद दुबे को पार्षद प्रत्याशी बनाया गया है वहां से नाराज कांग्रेसी अर्जुन वासवानी ने बागी पर्चा जमा कर कांग्रेसियों की धड़कने बढ़ा दी थी. मगर नाम वापसी के अंतिम दिन बागी कांग्रेसी अर्जुन वासवानी ने नाम वापस लेकर प्रमोद दुबे और कांग्रेस को बड़ी राहत दे दी.